- लव कुमार मिश्र, पटना
बात 1977 की है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के पिता डॉ. नारायण लाल नड्डा, पटना विश्वविद्यालय में एप्लाइड इकनॉमिक्स विभाग के प्रमुख थे। जनता पार्टी के टिकट पर अपने जूनियर शिक्षक रामकांत पांडे को बनियापुर से उम्मीदवार बनवाने की कोशिश में वे अपनी ऐम्बेसडर कार (528 नंबर) से गार्दनीबाग में एक शिष्य के घर पहुँचे। वह शिष्य उस समय एक अंग्रेज़ी अख़बार में रिपोर्टर था। उसने डॉ. नारायण लाल नड्डा को लेकर सीधे लालू प्रसाद यादव के एक कमरे वाले घर पहुँच गया।
लालू ने बायोडाटा लिया, मुस्कुराकर कहा, “ठीक है, टिकट हो जाएगा।” रामकांत पांडे को टिकट मिला और वे कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर बनियापुर से विधायक बने। और उस समय का एक छात्र- जगत प्रकाश नड्डा- बनियापुर की गलियों में जाकर उनके लिए प्रचार करता फिर रहा था।
जयप्रकाश नारायण ने छात्र संघर्ष समिति के दो प्रतिनिधि लालू प्रसाद और शाहबुद्दीन (सेंट्रल पटना) को चुनाव समिति में नामित किया था। बनियापुर छपरा का एक विधान सभा क्षेत्र था, जहां पहले कांग्रेस की उमा पांडे सदस्य थीं।