नई दिल्ली। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में दावा किया जा रहा है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की तीसरी डोज कोरोना के वेरिएंट्स के खिलाफ सुरक्षा देगी.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की दूसरी डोज के 6 महीने बाद बूस्टर डोज देने से शरीर में एंटीबॉडी का स्तर बढ़ जाता है.
भारत में एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से दी जा रही है.
हालांकि ऑक्सफोर्ड के प्रमुख वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की दोनों डोज अच्छा काम करेंगी और तीसरे डोज की जरूरत शायद ना पड़े.
स्टडी के अनुसार एस्ट्राजेनेका या फाइजर की दो डोज डेल्टा वेरिएंट से अस्पताल में भर्ती होने की संभावना 96 फीसदी तक कम करती है.