सहरसा। बिहार सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेकर महिलाएं सशक्त हो रही हैं और सामाजिक प्रगति के नए आयाम गढ़ रही हैं । महिला सशक्तिकरण को नई दिशा देने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने ग्रामीण महिलाओं से संवाद का कार्यक्रम आरंभ किया है । इस पहल के अंतर्गत महिलाओं के सुझावों और आकांक्षाओं से नई नीतियों का निर्माण किया जा रहा है, जो उनके आर्थिक और सामाजिक विकास में सहायक होगी।
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संवाद के दौरान महिलाओं ने रोजगार और उद्यमिता को प्राथमिकता देते हुए ब्याज दरों में रियायत और स्थानीय स्तर पर उद्यमों की स्थापना की मांग की । इस कदम से न केवल ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि महिलाएं भी आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनेंगी ।वर्तमान में भी जीविका स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं कई प्रकार के लघु उद्यम चला रही हैं । इनमें से कई ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ उठाकर अपने जीवन को नई दिशा दी है ।
सत्तर कटैया प्रखंड की बिजलपुर पंचायत की निवासी रुचि कुमारी इसका एक उदाहरण हैं । उन्होंने स्वयं सहायता समूह की मदद से अपना व्यवसाय शुरू किया और अब वह एक सफल उद्यमी बनकर आत्मनिर्भर जीवन जी रही हैं ।जीविका के प्रबंधक संचार के अनुसार, जिले में अब तक कुल 1044 स्थानों पर महिला संवाद के कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं । इन कार्यक्रमों में 2 लाख 61 हजार से अधिक महिलाओं ने भाग लिया है ।
संवाद के दौरान महिलाओं से कुल 28,033 आकांक्षाएं प्राप्त हुईं, जिन्हें मोबाइल ऐप के माध्यम से रिकॉर्ड किया गया है । महिलाओं के अलावा, इन संवाद कार्यक्रमों में पुरुषों की भागीदारी भी बढ़ रही है, जिससे यह पहल सामुदायिक विकास के लिए व्यापक मंच बन रही है ।महिला संवाद के दौरान प्राप्त आकांक्षाएं सरकार की आगामी नीतियों का आधार बनेंगी । रोजगार, उद्यमिता और कल्याणकारी योजनाओं को लेकर महिलाओं द्वारा व्यक्त की गई जरूरतें विकास की नई संभावनाएं खोलेंगी ।बिहार सरकार का यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।संवाद के जरिए महिलाओं ने अपनी समस्याओं और अपेक्षाओं को खुलकर सामने रखा है, जो उनके सशक्तिकरण और राज्य के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगा।