बड़कागांव। तीन दिनों से याश चक्रवात का असर बड़कागांव प्रखंड में भी देखने को मिल रहा है। याश चक्रवात के कारण 3 दिनों से लगातार बारिश हो रही है। जिसकी वजह से प्रखंड के, नदी, नाला जलमग्न हो गए। मई के महीने में जहां लोग चिलचिलाती धूप और गर्मी से बेहाल रहते थे वही लोगों को रात में चादर का सहारा लेना पड़ रहा है। चक्रवाती बारिश से बड़कागांव पीपल नदी, सूर्य मंदिर नदी, बादम नदी, विश्रामपुर नदी, सिरमा नदी, महुदी नदी, सोनपुरा नदी, गोंदलपुरा नदी आदि तमाम नदियों में जलस्तर बढ़ जाने के कारण बाढ़ आ गई। नाला जाम होने के कारण बड़कागांव दैनिक बाजार में कचरा पसर गया है।
इतना ही नहीं भारी बारिश के कारण पुराने मिट्टी के कई मकान की हालत जर्जर हो गई है। वही लगातार बारिश से भले ही गर्मी से राहत लोगों को मिली है लेकिन यह बारिश किसानों के लिए अभिशाप बनकर आया है।
किसानों के टमाटर, खीरा, भिंडी, परवल, करेला,वोदी, इत्यादि सब्जियां बुरी तरह से नष्ट हो गए है। इस दौरान किसान सुभाष कुमार, अशोक महतो, योगेश्वर महतो, योगेंद्र महतो, सिकंदर कुमार, बैजनाथ महतो ने बताया कि इतनी बर्बादी कभी नहीं हुई थी, कोविड-19 लॉकडाउन और बेमौसम बरसात ने हम लोगों को बर्बाद कर दिया। सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। आपदा राहत कोष से मुआवजे की मांग की गई है। अब धान के खेतों में नमी हो जाने के कारण चक्रवात का असर समाप्त होते ही बड़े पैमाने पर किसान धान की खेतों में जोताई का कार्य शुरू कर देंगे।
लगातार हो रही बारिश पर लोगों ने बताया कि मई के महीने में बारिश तो हम लोगों ने देखा है पर इस तरह का ठंड और नदियों में बाढ़ कभी नहीं देखा था। जो हम लोगों को अचरज में डाल रहा है। राहत भरी बात यह है कि नदियों का जलस्तर बढ़ने से प्रखंड में सूख गए कुएं और चापाकल का जल स्तर बढ़ने से आम ग्रामीण को पानी की समस्याओं से कुछ राहत मिली है।