लखनऊ। योगी सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उनके समग्र विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। विशेष रूप से दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। योगी सरकार दिव्यांगजन समाज को मुख्यधारा से जोड़कर सम्मानजनक जीवन जीने और उनके अंदर छुपी प्रतिभा को निखारने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। योगी सरकार प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को पेंशन का न सिर्फ लाभ दे रही है, बल्कि उनकी रुचि के अनुसार विभिन्न कौशलों से जोड़ने का कार्य कर रही है।बीते आठ वर्षों में योगी सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए अनेक योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया है।
यह भी पढ़े : बेटी के जन्म पर पेड़ लगाने की प्रथा की हुई शुरूआत
शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार दिव्यांगजनों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। प्रदेश में दिव्यांग छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए दो प्रमुख विश्वविद्यालय डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ और जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट संचालित किए जा रहे हैं। इन संस्थानों में दिव्यांग छात्रों को विशेष सुविधाओं के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनकर अपने सपनों को साकार कर रहे हैं।
प्रदेश के दिव्यांगजन सश्क्कतीकरण मंत्री नरेन्द्र कश्यप के अुनसार योगी सरकार दिव्यांगजनों को उनकी रुचि के अनुसार विभिन्न कौशलों से जोड़ने का कार्य कर रही है। सामाजिक संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से उन्हें विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ा जा रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, जिनके तहत दिव्यांगजनों को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है।