लखनऊ। योगी सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत करने जा रही है। केन्द्र सरकार की सहायता प्राप्त दिव्यांगजन सशक्तीकरण (एडिप) योजना के तहत मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल और सहायक उपकरणों के वितरण को आने वाले समय में और व्यापक स्तर पर ले जाने की तैयारी योगी सरकार कर रही है। योगी सरकार का लक्ष्य है कि हर जरूरतमंद दिव्यांग तक यह सुविधा पहुंचे, ताकि उनकी गतिशीलता बढ़े और वे आत्मनिर्भरता के साथ समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।

हाल ही में प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में 100 मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल वितरित करने के बाद सरकार अब इस पहल को विस्तार देने की तैयारी में है। मांग और पात्रता के आधार पर सभी पात्र दिव्यांगजनों को यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए व्यापक सर्वेक्षण और सत्यापन प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। अर्जुन पोर्टल पर लाभार्थियों की सूची को और सटीक बनाने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग बढ़ाया जाएगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और डुप्लीकेसी की संभावना खत्म होगी। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल के लिए 2 करोड़ रुपये और सहायक उपकरणों के लिए 37.40 करोड़ रुपये के बजट का उपयोग प्रभावी ढंग से करने की रणनीति तैयार की जा रही है।
इस संबंध में पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए वितरण प्रक्रिया को सरल, त्वरित और पारदर्शी बनाया जा रहा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचे।
प्रदेश के हर जिले में शिविर लगाकर दिव्यांगजनों को लाभ देगी योगी सरकार
आने वाले समय में सरकार एलिम्को के साथ मिलकर एक समन्वित कार्ययोजना लागू करेगी, जिसमें वितरण प्रक्रिया को और सरल और त्वरित बनाया जाएगा। हर जनपद में शिविरों का आयोजन कर पात्र दिव्यांगजनों को सीधे लाभ पहुंचाने की योजना है। इसके साथ ही, सहायक उपकरणों की उपलब्धता बढ़ाने और उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। योगी सरकार का मानना है कि मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल से दिव्यांगजनों की गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे वे शिक्षा, रोजगार और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे। योगी सरकार के इस प्रयास से न केवल दिव्यांगजनों के जीवन को आसान बन रहा है, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और स्वावलंबन की नई राह भी मिल रही है। इस पहल से उत्तर प्रदेश दिव्यांग सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में उभरने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।


