रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर एक अभिनव प्रयास के जरिए पलाश ब्राण्ड से ग्रामीण महिलाओं को जहां एक ओर आजीविका का आधार मिला। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित एवं संग्रहित सरसों का तेल, चावल, आटा, दाल, मडुआ का आटा, लेमन ग्रास जैसे उत्पादों को लोगों के द्वारा खासा पसंद किया जा रहा है। सखीमंडल के उत्पादों को राज्य समेत राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित कर सखीमंडलों की अच्छी आमदनी सुनिश्चित की जा रही है। पलाश ब्रांड की सफलता को देखते हुए लगातार सखी मंडल से जुड़ी दीदियों के सशक्तिकरण की दिशा में कार्य हो रहा है। राज्य के 24 जिलों के 264 प्रखंड के 29,953 गांव में करीब 2.78 लाख सखी मंडलों का गठन किया जा चुका है और इससे करीब 32.51 लाख परिवार जुड़े हैं।
बैंकों से क्रेडिट लिंकेज के जरिए मिल रही मदद
राज्य के 2.69 लाख सखी मंडल को 418.31 करोड़ रुपये चक्रिय निधि के रूप में एवं 2.44 लाख सखी मंडल को 1296.42 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि के रूप में उपलब्ध कराया गया है। करीब 2.26 लाख सखी मंडल को 6511 करोड़ रुपये बैंकों से क्रेडिट लिंकेज के रुप में मिला है।
आजीविका से जोड़ने का क्रम जारी
ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हो, इसके लिए आजीविका सशक्तिकरण हुनर अभियान के जरिए राज्य के 29 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यमों से जोड़ा गया है। कृषि,पशुपालन, वनोपज, अंडाउत्पादन, जैविक खेती आधारित आजीविका से ग्रामीण परिवारों को आच्छादित किया जा रहा है। राज्य संपोषित जोहार परियोजना के तहत 17 जिलों के 68 प्रखंड के 3816 गांव में 3922 उत्पादक समूह एवं 20 उत्पादक कंपनियों का गठन एवं संचालन हो रहा है। जिसके तहत राज्य के करीब 2.24 लाख परिवारों की आय बढ़ोतरी के लिए कार्य प्रगति पर है।
वनोत्पाद से मिल रहा लाभ
राज्य के किसानों को वनोत्पाद का सही मूल्य दिलाने हेतु सिदो कान्हो वनोत्पाद संघ का गठन किया गया है। वहीं महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के जरिए भी राज्य के 2.09 लाख परिवारों को लाह, रेशम, औषधीय पौधे की खेती, ईमली, कृषि एवं पशुपालन से जोड़ा गया है। राज्य संपोषित झारखंड माइक्रोड्रिप इरिगेशन परियोजना के तहत करीब 14246 किसानों के साथ को टपक सिंचाई तकनीक से जोड़ कर उन्नत खेती की जा रही है। इस परियोजना के तहत 30/ हजार महिला-पुरुष किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है।
तकनीक में निपुण हो रहीं महिलाएं
राज्य में बैंकिग कॉरेस्पॉन्डेंट, पशु सखी, कृषक मित्र, वनोपज मित्र आजीविका रेशम मित्र, सीआरपी समेत परियोजन क्रियान्वयन के लिए करीब 52,000 सामुदायिक कैडर को प्रशिक्षित कर परियोजना के क्रियान्वयन एवं विस्तारण में लगाया है। आधुनिक संचार तकनीक से इन महिलाओं को लैस किया गया है।
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