Indore: एएसआई ने भोजशाला मंदिर का सर्वे पूरा कर दो हजार पन्नों की रिपोर्ट इंदौर हाईकोर्ट को सौंप दी है। 22 जुलाई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। संस्था ‘हिंदू फॉर जस्टिस’ की ओर से याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया – धार स्थित भोजशाला मंदिर को लेकर कानूनी लड़ाई हिंदू फॉर जस्टिस की ओर से लड़ी जा रही है। यहां पर बिना छुट्टी लिये 98 दिनों में एएसआई ने सर्वे किया है और दो हजार से अधिक पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट को इंदौर हाईकोर्ट में पेश किया गया है। इस पर 22 जुलाई को अगली सुनवाई होनी है।
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धार नगरी की ऐतिहासिक भोजशाला के सर्वेक्षण के बाद एएसआई ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा कि परिसर से चांदी, तांबे, एल्यूमीनियम और स्टील के कुल 31 सिक्के बीते दिनों पाये गये थे। ये सिक्के इंडो-ससैनियन (10वीं-11वीं सदी), दिल्ली सल्तनत (13वीं-14वीं सदी), मालवा सुल्तान (15वीं-16वीं सदी), मुगल (15वीं-16वीं सदी) के काल के हैं। ये सिक्के 18वीं शताब्दी में धार राज्य में वर्तमान संरचना में पाए गए थे। साइट पर पाए गए सबसे पुराने सिक्के इंडो-सासैनियन हैं। ये सिक्के 10वीं-11वीं शताब्दी के हो सकते हैं।
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साथ ही यह भी दावा किया गया है कि ये सिक्के तब के हैं, जब परमार राजा धार में अपनी राजधानी के साथ मालवा में शासन कर रहे थे। जांच के दौरान कुल 94 मूर्तियां, मूर्तिकला के टुकड़े और मूर्तिकला चित्रण के साथ वास्तुशिल्प सदस्य देखे गए। वे बेसाल्ट, संगमरमर, शिस्ट, नरम पत्थर, बलुआ पत्थर और चूना पत्थर से बने हैं। खिड़कियों, खंभों और प्रयुक्त बीमों पर चार सशस्त्र देवताओं की मूर्तियां उकेरी गई थीं। इन पर उकेरी गई छवियों में गणेश, ब्रह्मा अपनी पत्नियों के साथ, नृसिंह, भैरव, देवी-देवता, मानव और पशु आकृतियां शामिल हैं।
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