नई दिल्ली : संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन बुधवार को लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक (महिला आरक्षण बिल) पास हो गया। पर्ची से हुई वोटिंग में बिल के समर्थन में 454 और विरोध में दो वोट पड़े। अब गुरुवार को यह बिल राज्यसभा में पेश होगा। वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए जायेगा। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह कानून बन जायेगा। बिल पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि महिला आरक्षण देते समय पादर्शिता बेहद जरूरी है। ऐसे में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद ही जनप्रतिनिधियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का सरकार ने फैसला लिया है। गृह मंत्री ने लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। शाह ने विपक्ष की ओर से उठाये जा रहे कई प्रश्नों का जवाब दिया। उन्होंने महिला आरक्षण में देरी से जुड़े प्रश्न के उत्तर में कहा कि कौन सी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, इसका निर्णय कौन लेगा। इसे राजनीति दृष्टि से भी देखा जा सकता है। ऐसे में परिसीमन की प्रक्रिया के बाद पूरी पारदर्शिता से महिलाओं के लिए सीटें रिजर्व होंगी। शाह ने कहा कि यह आरक्षण सामान्य, एससी और एसटी में समान रूप से लागू होगा। चुनाव के बाद तुरंत ही जनगणना और डिलिमिटेशन होगा और महिलाएं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी। विरोध करने से रिजर्वेशन जल्दी नहीं आयेगा।
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शाह ने कहा कि महिला आरक्षण बिल युग बदलने वाला विधेयक है। कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जायेगा। कल नये सदन का पहली बार श्री गणेश हुआ, कल गणेश चतुर्थी थी और पहली बार कई सालों से लंबित पड़े बिल को पास किया गया। देश में एससी-एसटी के लिए जितनी सीटें आरक्षित हैं, उनमें से भी 33 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित हो जायेंगी। कुछ लोगों के लिए महिला सशक्तिकरण चुनाव जीतने का मुद्दा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता मोदी के लिए यह मुद्दा राजनीति नहीं, बल्कि मान्यता का मुद्दा है। मोदी ने ही भाजपा में महिलाओं को पार्टी पदों पर 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने राहुल गांधी के सचिवों में ओबीसी की संख्या से जुड़े विषय पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि देश को सरकार चलती है, सचिव नहीं चलाते। उनकी सरकार में ओबीसी सांसदों और मंत्रियों की पर्याप्त संख्या है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी समाज से आते हैं। अपने भाषण के अंत में गृहमंत्री ने सभी दलों से सर्वसम्मति से महिला आरक्षण विधेयक लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि समाज की स्थिति को देखते हुए महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए आरक्षण विधेयक लाया गया है।
उन्होंने सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में सरकार में आने के बाद से महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम शुरू कर दिया था। उन्होंने इसके लिए 11 करोड़ परिवारों को शौचालय बनाने में मदद की गई, महिलाओं को आवास योजना के तहत पक्के मकानों का मालिक बनाया गया, जनधन योजना से उनके खाते खोले गए और हर जल योजना के माध्यम से महिलाओं के जीवन को आसान बनाया है।
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बाद में एक प्रश्न में बीजू जनता के सांसद भर्तृहरि महताब ने लोकसभा में महिलाओं को सीटें आरक्षित करने से जुड़ा एक प्रश्न पूछा। उन्होंने जानना चाहा कि लोकसभा की सीटें क्या राज्य अनुसार ही 33 प्रतिशत आरक्षित होंगी। इसके जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि परिसीमन आयोग इस विषय पर विचार करेगा और तय करेगा कि लोकसभा में सीटें कैसे महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी।