रांची: झारखंड राय विश्वविद्यालय(Jharkhand Rai University) का चतुर्थ दीक्षांत समारोह दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना के साथ प्रारंभ किया गया। दीक्षांत समारोह में 575 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। समारोह में 2 छात्रों को चांसलर अवार्ड व 17 को गोल्ड मेडल , 44 शोध छात्रों को पी एच डी की उपाधि और 3 छात्रों को एम टेक की डिग्री मिली। इस दौरान 3 को मानद पी एच डी की उपाधि भी प्रदान की गई।
3 को मिली मानद पी एच डी की उपाधि:
मानद उपाधि प्राप्त करने वालों में
1.नित्या मोहन खेमका : निदेशक ग्लोबल हेल्थ थिंक टैंक। नंद एंड खेमका ग्रुप की सलाहकार।
2. मोनिका जिग्नोस
3. रोहिता बोगोलागमा: यू के में श्रीलंका के हाई कमिश्नर। श्रीलंका के विख्यात कानून निर्माता।।
समारोह के मुख्य अतिथि :
समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि ,किसान कल्याण एवं जनजातीय कल्याण विभाग के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में रिपब्लिक ऑफ़ नामीबिया टू इंडिया के हाई कमिश्नर गैब्रियल पी सीनिम्बो और राज्यपाल के शिक्षा सलाहकार प्रो० ई बालासुब्रमण्यम उपस्तिथ थे। झारखंड राय विश्वविद्यालय की चांसलर डॉ. हरबीन अरोड़ा राय भी कार्यक्रम में अतिथि की तौर पर उपस्थित थी।
अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण एवं जनजातीय कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने अपने संबोधन में कहा कि, दीक्षांत समारोह से डिग्री प्राप्त कर निकलने वाले छात्रों से मैं कहना चाहूंगा की इरादा आसमान छूने का हो लेकिन पांव जमीन पर हो। 2047 एक विकसित भारत का आहवान है । एक विकसित भारत जिसमें सभी के लिए अवसर हो। 2047 का विकसित भारत कैसा हो उसमें रोजगार से जुड़े कैसे अवसर होंगे यह भी जानना आवश्यक है।
उन्होंने आगे कहा की देश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बना है। किसानों को सरकार के नई योजनाओं और तकनीक की जानकारी से भी अवगत कराने का कार्य किया जा रहा है। कुछ भी जीवन में प्राप्त करें कहीं भी कार्य करें जीवन में सचेतना, संवेदना और सक्रात्मकता को कभी नहीं भूलना चाहिए। जो बाजार में गुम हो जाता है उसे खोजा जा सकता है लेकिन जो खुद में गुम होजाए उसे खोजना मुश्किल होता है। भारत की सांस्कृतिक विरासत और मूल्यों का सभी के जीवन में लाभ प्राप्त हो यह आवश्यक है।
दीक्षांत समारोह को रिपब्लिक ऑफ नांबिया टू इंडिया के हाई कमीशन गैब्रियल पी सिनिंबो ने भी संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि, भारत संभावनाओं से भरा देश है। इसकी युवा शक्ति इसकी पूंजी है।
वहीं झारखंड राय विश्व विद्यालय की कुलाधिपति डॉ. हरबिन अरोड़ा राय ने कहा की, छात्रों यहां से जाने के बाद सोचना है की आपका जीवन कैसा होना चाहिए। सहज पके सो मीठा होए। आप जहां भी जाए अपनी संस्कृति को साथ लेकर जाएं। यह आपकी एक पूंजी है । एक संपत्ति है। आगे बढ़ने और सफल होने का मंत्र दिया। यह स्तंभ है संसार, समरसता, सकारात्मकता, सतर्कता।
उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा, भारतीय होने पर गौरव करने की बात भी कही।
झारखंड राय विश्विद्यालय रांची की कुलपति प्रो. सविता सेंगर ने विश्व विद्यालय की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि” विश्वविद्यालय यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार कार्य कर रहा है। अभी विश्वविद्यालय में 7 फैकल्टी में 19 से ज्यादा कोर्स चलाए जा रहे हैं। जिसमें 10 यूजी कोर्स 5 पीजी कोर्सेज और डिप्लोमा के कोर्स शामिल है।अब तक विश्वविद्यालय ने 21 से ज्यादा एम ओ यू देश के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ किया है । वहीं 14 से ज्यादा पेटेंट भी विश्वविद्यालय के शिक्षकों के द्वारा विभिन्न विषयों पर प्राप्त किया गया है।
विश्वविद्यालय को राज्य और केंद्र प्रायोजित 3 प्रोजेक्ट भी प्राप्त हुए है।