रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 66 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। बैठक में विधि व्यवस्था, संस्कृति और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
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कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने बताया कि झारखंड कैबिनेट की बैठक में 16वें वित्त आयोग की बैठकों के लिए खर्च की गयी राशि को स्वीकृति दी गयी है। झारखंड राज्य सड़क सुरक्षा नियमावली-2025 का अनुमोदन किया गया है। झारखंड में संगीत नाट्य अकादमी, साहित्य अकादमी एवं ललित कला अकादमी के गठन के प्रस्ताव को भी हरी झंडी मिल गयी है। इसके तहत संगीत नाट्य अकादमी, साहित्य अकादमी एवं ललित कला अकादमी का गठन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बैठक में झारखंड बाल शिक्षा अधिकार संशोधन को स्वीकृति दी गई है। झारखंड आकस्मिकता निधि से 20 करोड़ अग्रिम निकासी की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई है। साथ ही झारखंड राज्य विस्थापन और पुनर्वास आयोग-2025 के गठन की भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकार नियमावली के अधीन मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए सौंपे गए काम के निष्पाादन के लिए झारखंड राज्य विस्थापन और पुनर्वास आयोग का गठन करेगी। आयोग में अध्यक्ष, दो सदस्य और तीन अधिकतम आमंत्रित सदस्य होंगे। इसमें स्थानीय पुरूष, महिला, (एसटी, एससी, ओबीसी) को नामित किया जा सकेगा।
कैबिनेट सचिव ने बताया कि बैठक में झारखंड पर्यटन विकास एवं पंजीकरण अधिनियम संशोधन विधेयक एवं बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना के तहत 232 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी है। कैबिनेट ने पुनासी जलाशय योजना के लिए 1,851 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री झारखंड अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिक निधि के गठन के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गयी है। रामगढ़ में बरियातू से हुंडरू पथ के निर्माण के लिए 34 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है।
उन्होंने बताया कि विस्थापन और पुनर्वास आयोग के कार्यों में विस्थापित परिवार के आवास और जीवनस्तर का आकलन करना, विस्थापित परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और दिव्यांगता संबंधी आंकडों का संग्रह करना है। साथ ही इसके अन्य कार्यों में विस्थापित परिवार के सदस्यों की शिक्षा की स्थिति का आकलन करना, विस्थापितों के समाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण कर अपना सुझाव सरकार को देना, समाजिक आर्थिक सर्वेक्षण को मजबूत करने के उद्देश्य से अन्य बिंदुओं, जिन्हें सर्वेक्षण में शामिल किया जाना आयोग को उचित या जरूरी प्रतीत होता हो, तो उन बिंदुओं पर विचार करना शामिल है।