RANCHI: राज्य शिक्षा परियोजना के निर्देशानुसार समग्र शिक्षा के तहत नवंबर और दिसंबर माह में राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 11वीं व 12वीं के बच्चों के अंदर व्यावसायिक व तकनीकी कौशल विकसित करने के उद्देश्य से उन्हें औद्योगिक दौरे व इंटर्नशिप कार्यक्रमों के लिए भेजा गया था। राज्य में संचालित सरकारी स्कूलों में कक्षा 11वीं और 12वीं तक के छात्रों के लिए 11 तरह की व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है। इनमें कृषि, परिधान, होम फर्निशिंग, ऑटोमोटिव, सौंदर्य और कल्याण, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर, हेल्थकेयर, आईटी-आईटीईएस, मल्टीस्किलिंग, मीडिया और मनोरंजन, खुदरा, पर्यटन और आतिथ्य शामिल हैं।
यह ट्रेड ओरिएंटेड कोर्सेज सभी कस्तूरबा विद्यालयों, 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों के साथ साथ आदर्श विद्यालयों में संचालित है, जिसका लाभ बच्चे ले रहे हैं और अपने भीतर व्यावसायिक व तकनीकी हुनर के साथ टीम मैनेजमेंट, लीडरशिप स्किल को विकसित करने में इसका उपयोग कर रहे है। इन व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में 80 घंटे की इंटर्नशिप अनिवार्य है। जॉब रोल की प्राथमिकता के आधार पर बच्चों को विभिन्न संस्थानों में इंटर्नशिप के लिए भेजा गया था।
इंटर्नशिप करने गए बच्चों की प्रतिभा की उक्त संस्थानों ने जमकर तारीफ की है। अपने हुनर से ना केवल इन बच्चों ने दूसरों को प्रभावित किया, बल्कि इंटर्नशिप और औद्योगिक दौरों का सदुपयोग करते हुए अपने ज्ञान कौशल को और भी निखारा है। इंटर्नशिप ने न केवल उनके तकनीकी कौशल को बढ़ाया, बल्कि उन्हें वास्तविक चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार किया।
संजू महतो ने हेल्थ केयर को चुना, अब दवा दुकान में दे रही है योगदान
संजू महतो यूपीजी 2 हाई स्कूल, बांसा में 11वीं की छात्रा है। इंटर्नशिप के लिए संजू ने ट्रेड हेल्थ केयर को चुना। वोकेशनल ट्रेनर अख्तर आलम के सहयोग से संजू ने एक दवा दुकान में बतौर इंटर्न काम शुरू किया। अपने 80 घंटे की इंटर्नशिप के दौरान संजू ने मरीजों की देखभाल करने, किस बीमारी में कौन सी दवा देनी है, इंजेक्शन तैयार करना, दवा पैक करने से लेकर बिल तैयार करने तक का अनुभव लिया।
उसने अपने नियोक्ता से बात करके कार्यस्थल में मरीजों से कैसे बात करे, मरीजों के परिजनों से कैसा बर्ताव करे आदि सकारात्मक जीवनशैली से जुड़े कौशल को विकसित किया। कार्यक्षेत्र में संजू की काबिलियत और उसके अधिक सीखने की जिज्ञासा को देखते हुए नियोक्ता ने संजू को वैतनिक काम दे दिया। आज ना केवल संजू मेडिकल क्षेत्र में अपनी समझ को विकसित कर रही है, बल्कि इससे कमा भी रही है।
तेनीशिला मरांडी ने डाइग्नोस्टिक सेंटर में की इंटर्नशिप, अब परिवार के लिए बनी सहारा
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, काठीकुंड में 12वीं की छात्रा तेनिशिला मरांडी ने हेल्थ केयर ट्रेड में व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त की है। 80 घंटे की अनिवार्य इंटर्नशिप के दौरान तेनीशिला को एक पैथोलॉजी लैब में काम करने का मौका मिला। अपने काम के दौरान तेनीशिला ने विभिन्न बीमारियों जैसे टाइफाइड, मलेरिया, फाइलेरिया, खसरा रूबेला (एम.आर.), जापानी एन्सेफलाइटिस , तपेदिक के लक्षणों व जांच के तरीकों को गहराई सीखा।
उसने बीपी, ब्लड ग्रुप, हीमोग्लोबिन, टाइफाइड परीक्षण, मलेरिया, टीबी का परीक्षण करना भी सीखा और इंजेक्शन, दवा पैकिंग के साथ दवा वितरण आदि का ज्ञान प्राप्त किया। अपने व्यावसायिक प्रशिक्षक डेजी चंद्रा के सहयोग से आज वे मंडल पैथोलॉजी, दुमका में बतौर अस्सिटेंट काम कर रही है। पढ़ाई के साथ साथ कमाई करके वे अपने परिवार का सहारा बन गयी है।
मजदूर का बेटे पैटोर लोहार ने सीखे तकनीक के फायदे, कम्यूनिकेशन स्किल
एस.एस 2 हाई स्कूल, मंझारी के छात्र पैटोर लोहार ने इंटर्नशिप के लिए ट्रेड मीडिया और मनोरंजन को चुना।पैटोर ने अपने प्रशिक्षक सूरज कुमार चौधरी से बात करके टुडू डिजिटल सेवा केंद्र में इंटर्नशिप करना शुरू किया। अपने इंटर्नशिप के दौरान पैटोर ने देखा कि तकनीक की सहायता से किसी भी काम को कैसे आसानी से किया जा सकता है। पैटोर ने अनुभव किया कि तकनीकी क्षेत्र में ज्ञान प्राप्त करने के बाद आम लोगो की सहायता कैसे क्षणभर में की जा सकती है। उन्होंने कंप्यूटर के व्यावहारिक ज्ञान को सीखा और सेवा केंद्र में आ रहे ग्राहकों से बात करने व उनकी सहायता करने के लिए संचार कौशल को विकसित किया। पैटोर के पिता मजदूर है, और मां गृहणी है। तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने के बाद पैटोर भविष्य में मीडिया के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते है।
फूड वैन शुरू कर मोदस्सिर अपने परिवार के लिए बने सहारा
वाहिनी 2 उच्च विद्यालय, जामताड़ा के 12वीं के छात्र मोदस्सिर अंसारी ने व्यवसायिक शिक्षा के लिए फूड एंड बेवरीज सर्विस को चुना। बचपन से ही मोदस्सिर को हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में करियर बनाने की चाहत थी। इसके लिए उन्होंने 9वीं क्लास से ही टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी विषय को चुन लिया और लगातार पूरी लगन से पढ़ाई कर रहे हैं। अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने खाद्य एवं पेय के प्रकार, सामान्य भोजन, फास्ट फूड, पोषणयुक्त भोजन एवं कॉकटेल, मॉकटेल, अल्कोहलिक पेय, गैर के आदि के बारे में गराई में सीखा। घर की पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण मोदस्सिर बार बार नौकरी करने के बारे में सोचते थे लेकिन व्यावसायिक ज्ञान के कारण आज वे कम उम्र में ही उद्यमी बन गए है। मोदस्सिर ने अपनी खुद की फूड एंड बेवरीज वैन शुरू की है। इसमें वे सोडा से लेकर हर तरह के पेय पदार्थ (गैर नशीली) को सर्वे करते है और अच्छे पैसे भी कमा रहे है।
शालू को प्रतिष्ठित सैलून में मिला काम
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, डुमरी की छात्रा शालू कुमारी ने व्यावसायिक पाठ्यक्रम के रूप में ब्यूटी एंड वैलनेस को चुना। शालू को 9वीं क्लास से ही त्वचा की देखभाल, बालो की देखभाल, और सुंदरता के बारे में सीखने का शौक था। शालू के इस शौक को इंटर्नशिप ने मंच दिया। शालू ने बतौर इंटर्न एक ब्यूटी वेलनेस सेंटर में काम करना शुरू किया। लगातार ज्ञान अर्जित करने के बाद शालू ने सौंदर्य उद्योग की समझ को विकसित किया, इसके सैद्धांतिक ज्ञान को समझा। इंटर्नशिप के सफल समापन के बाद शालू को धनबाद के प्रतिष्ठित जावेद हबीब सैलून की ओर से ज्वाइनिंग का ऑफर मिला, जिसे शालू ने स्वीकार कर लिया।