RANCHI: रांची का भगवान बिरसा मुंडा एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय (Bhagwan Birsa Munda Airport International) उड़ानों के लिए तैयार है। वर्तमान में पांच विमानन कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही हैं। इसके अलावा हज के लिए यहां पिछले दस सालों से जेद्दा के लिए सीधी विमन सेवा उपलब्ध करवाई जा रही है। रांची एयरपोर्ट पर इंस्टूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) लगाया जा चुका है, जिसकी मदद से कुहासे के बावजूद रात में भी विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ में परेशानी नहीं होगी।
रांची एयरपोर्ट (Ranchi Airport) पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नया टर्मिनल बिल्डिंग और एटीसी टावर संचालित हो रहा है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल अंतरराष्ट्रीय स्तर का है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Union Ministry of Civil Aviation) और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण भी बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के डेवल्पमेंट और संचालन से संतुष्ट है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को लेकर विचार-विमर्श भी चल रहा है लेकिन एयरपोर्ट के आसपास के 72 ऊंचे इमारत अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट प्लानिंग में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट (Birsa Munda Airport) के आसपास 55 ऊंची इमारतों को रेड जोन में रखा गया है। ऊंचे भवन अंतरराष्ट्रीय उड़ान में हर्डल्स (बाधा) का काम कर रहे हैं। इन भवनों का निर्माण नक्शा स्वीकृत कराए बिना निर्धारित ऊंचाई से अधिक ऊंचा बनाया गया है। चिन्हित जिन भवनों के पास नक्शा नहीं है, ऐसे भवनों पर अवैध निर्माण का केस दर्ज करते हुए तोड़ने का आदेश दिया जा चुका है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को लेकर प्राधिकरण ने एयरपोर्ट के आसपास सर्वे कराया था, जिसमें पाया था कि 35 ऊंचे भवनों की वजह से उड़ान भरने और विमान के उतरने के दौरान दुर्घटना का खतरा हो सकता है। प्राधिकरण ने राज्य सरकार से कार्रवाई का आग्रह किया है।
प्राधिकरण द्वारा चिन्हित ऊंचे भवनों को तोड़ा नहीं गया, तो बिरसा मुंडा एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा मिलने के बाद भी उड़ान शुरू करने में परेशानी होगी। प्राधिकरण ने रांची एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ान को लेकर प्रपोजल भेजा था। उस प्रपोजल पर मंत्रालय ने विचार करने के बाद रांची एयरपोर्ट में कई बदलाव करने का निर्देश दिया है, जिसके बाद से पार्किंग, टर्मिनल बिल्डिंग, बोर्डिंग एरिया, इंटरनेशनल टर्मिनल बिल्डिंग आदि में बदलाव किए जा रहे हैं।
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट को आईएसओ ईएमएस (एनवायर्नमेंट क्लीयरेंस सिस्टम) का प्रमाण पत्र मिल चुका है।भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने पर्यावरण प्रबंधन के लिए प्रमाण पत्र दिया था। इस प्रमाण पत्र के बाद ही रांची एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए प्रयास शुरू हुआ। रांची एयरपोर्ट को सुरक्षित और स्मूथ एयर ट्रैफिक सुविधा वाला बताया गया।
रांची एयरपोर्ट से सप्ताह में 370 घरेलू उड़ाने संचालित हैं। हर महीने करीब 2 लाख 20 हजार यात्री उड़ान भर रहे हैं। यह पिछले साल की तुलना में करीब 45 हजार से अधिक है। रांची से वर्तमान में अहमदाबाद, बेंगलुरू, भुवनेश्वर, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पटना और पुणे के लिए विमान सेवा उपलब्ध है। जल्द ही जेट एयरवेज की भी उड़न शुरू हो सकती है। प्रक्रिया अंतिम चरण में है। रांची से दरभंगा, बनारस, जयपुर, भोपाल, गोवा, देवघर और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए सीधी विमान सेवा के लिए डिमांड बढ़ रहे हैं।