नारनौल: मुख्यमंत्री मनोहर लाल(Manohar Lal) ने कहा कि हरियाणा राज्य अपने पशुधन के कारण न केवल राष्ट्रीय अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक विशिष्ट पहचान रखता है। इसी विशेषता के कारण हरियाणा एकमात्र राज्य बन गया है, जहां देसी गाय के ए-2 पैश्चराइज्ड (पास्तरीकरण) दूध के विपणन का काम शुरू किया गया है।
मुख्यमंत्री रविवार को जिला महेंद्रगढ़ के गांव जाट पाली स्थित हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में चल रही तीन दिवसीय 40वीं राज्य पशुधन प्रदर्शनी-2024 में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जय प्रकाश दलाल ने की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लक्की ड्रा निकालकर विजेताओं के नाम की घोषणा भी की।
उन्होंने राष्ट्रीय गोपाल रतन पुरस्कार से प्रदेश के पशुपालक जितेन्द्र सिंह निवासी गिल्लाखेडा (फतेहाबाद) साहीवाल गाय फार्म वर्ष 2022-23 के लिए तथा रामसिंह निवासी नीलोखेडी (करनाल) साहीवाल गाय फार्म 2023-24 के लिए सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने दूध उत्पादन प्रतियोगिता में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले पशु मालिक करमबीर निवासी सुनारियां (कुरुक्षेत्र) मुर्राह 28.62 किलो, बाबूलाल निवासी मुंडी (रेवाड़ी) हरयाना 17.08 किलो, सतबीर सिंह निवासी बहबलपुर (हिसार) साहिवाल 23.68 किलो व विनीत कम्बोज रादौर (यमुनानगर) बेलाही 9.266 किलो दूध देने के लिए सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों का सम्पूर्ण विकास पशुपालन की प्रगति के बिना संभव नहीं है। इसी बात के मद्देनजर सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है। हरियाणा की मुर्राह नस्ल की भैंस दुनियाभर में प्रसिद्ध है। हरियाणा की साहीवाल और हरयाना नस्ल की गायों पर हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा वासियों के लिए गर्व कि बात है कि देश के 2.1 प्रतिशत दुधारू पशु हरियाणा में हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालकों को आर्थिक सहायता एवं पशु बीमा के लिए सरकार ने विशेष योजना चलाई है। प्रदेश में पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना के तहत 10.42 लाख पशुओं का बीमा किया है। इस योजना के तहत कोई भी पशुपालक केवल 100 से 300 रुपये में बड़े पशु व 25 रुपये में छोटे पशु का बीमा करवा सकता है। इस योजना के तहत अनुसूचित जाति के पशुपालकों के पशुओं का बीमा पूर्णतः निःशुल्क किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में गौसंरक्षण एवं गौसंवर्धन के क्षेत्र में कारगर कदम उठाए हैं। 1000 पशुओं को रखने के लिए गौशाला खोलने पर सरकार 70 लाख रुपए शैड बनाने के लिए देगी। इसी उद्देश्य से राज्य में गौ सेवा आयोग बनाया गया है। देशी गायों की नस्ल सुधार हेतु राज्य में करनाल के उचानी, और महेन्द्रगढ़ में हरियाणा पशु विज्ञान केन्द्र स्थापित किए गए हैं। जिला कैथल के क्योड़क में ऐसा ही केन्द्र स्थापित किया जा रहा है।