रांची: राज्य विद्युत नियामक आयोग ने बिजली की नई दरें घोषित कर दी हैं। इसके तहत 7.66 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दी गयी है। नयी दरें एक मार्च से लागू होंगी। इसके तहत शहरी घरेलू बिजली दर 6. 65 प्रति यूनिट, ग्रामीण घरेलू 6. 30 रुपये प्रति यूनिट, घरेलू एचटी 6.25 रुपये प्रति यूनिट की गयी है। व्यावसायिक ग्रामीण 6.10 और व्यावसायिक शहरी के लिए 6.65 रुपये प्रति यूनिट दर रखी गयी है।
फिक्सड चार्जेस में कुछ श्रेणी में वृद्धि की गयी है। घरेलू ग्रामीण के लिए 75 रुपये, घरेलू शहरी के लिए 100 रुपये, घरेलू एचटी के लिए 150 रुपये, व्यावसायिक ग्रामीण के लिए 120, व्यावसायिक शहरी के लिए 120 रुपये रखा गया है।
वर्तमान शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दर 6.30 रुपये प्रति यूनिट है। इन उपभोक्ताओं से 100 रुपये फिक्स चार्ज लिया जाता है। घरेलू एचटी उपभोक्ताओं से प्रति यूनिट 6.15 रुपये प्रति यूनिट और फिक्स चार्ज 150 रुपये लिया जाता है। कॉमर्शियल ग्रामीण उपभोक्ता के लिए 5.80 रुपये और 100 रुपये फिक्स चार्ज है।
इसके पहले नियामक आयोग ने एक जून, 2023 को नयी बिजली दरें घोषित की थीं। इस दौरान नियामक आयोग ने पांच पैसे से लेकर 15 पैसे तक की वृद्धि बिजली दरों में की थी। इसके पहले साल 2020 में बिजली दरें घोषित की गयी थीं। ऐसे में साल 2021 से 2023 तक राज्य में बिजली दरों का निर्धारण आयोग में महत्वपूर्ण पदों के रिक्त होने के कारण नहीं किया गया था।
झारखंड बिजली वितरण निगम की ओर से नियामक आयोग को सौंपे गये प्रस्ताव के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दर प्रति यूनिट 2.30 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था। प्रस्ताव में फिक्स्ड चार्ज में भी भारी बढ़ोत्तरी की भी बात कही गयी थी। 400 यूनिट तक खपत करनेवाले उपभोक्ताओं की दर 7.60 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव था।
नयी दरें घोषित होने के साथ ही बिजली की कई ऐसी सुविधाएं है जिनमें कुछ बदलाव किया गया है। कुछ सुविधाओं के पूर्ववत रखा गया है। बिजली दरों में वृद्धि होने से अलग-अलग श्रेणी के उपभोक्ताओं पर बोझ भी बढ़ा है। आयोग के अनुसार उपभोक्ता यदि उपभोक्ता बिलिंग के पांच दिनों के अंदर बिजली बिल भुगतान करता है तो उसे दो फीसदी की छूट मिलेगी। जेबीवीएनएल ने 39.71 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। निगम ने 7.66 फीसदी को मंजूरी दी।
व्यवस्था साल 2023 में भी घोषित की गयी थी। ऑनलाइन या डिजिटल मोड के माध्यम से बिल भुगतान करने पर संपूर्ण बिल के अनुसार एक फीसदी की छूट दी जायेगी। इसके लिए अधिकतम सीमा 250 रुपये तय की गयी है। लोड फैक्टर में छूट उन उपभोक्ताओं को मिलेगी, जिनका लोड फैक्टर 65 प्रतिशत से अधिक है। इसकी अधिकतम सीमा 15 फीसदी है। रूफटॉप सोलर को प्रोत्साहित करने के लिए आयोग ने ग्रॉस मीटरिंग के लिए 4.16 प्रति केवी और नेट मीटरिंग के लिए 3.80 प्रति केवी के टैरिफ को बरकरार रखा है।
उपभोक्ताओं को अब कोई मीटरिंग शुल्क नहीं देना होगा। प्रीपेड मीटरिंग शुरू होने पर उपभोक्ता की श्रेणी के अनुसार उर्जा शुल्क पर तीन फीसदी की छूट लागू रहेगी। प्रीपेड मीटर की स्थापना के एक महीने के भीतर पूरी सुरक्षा जमा राशि वापस कर दी जायेगी। इस टैरिफ के साथ ही आयोग ने जेबीवीएनएल को 13 फीसदी वितरण हानि की मंजूरी दी है। इस टैरिफ से वितरण निगम को लगभग 7075.83 करोड़ सालाना राजस्व मिलने का अनुमान है।