Hazaribagh। बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल के तत्वाधान में प्रोफेसर रमेश शरण के सम्मान में भारतीय जीवन बीमा निगम के हजारीबाग मंडल कार्यालय में एक शोक सभा का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम स्वर्गीय रमेश शरण के तस्वीर पर सामूहिक रूप से माल्यार्पण कर 1 मिनट का मौन रखकर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी गई।शोक सभा को संबोधित करते हुए विनोबा भावे विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक प्रोफेसर प्रमोद कुमार ने कहा कि प्रोफेसर शरण एक व्यक्ति नहीं संस्था थे। उन्होंने विनोबा भावे विश्वविद्यालय में गांधी, जयप्रकाश, विनोबा चिंतन केंद्र की स्थापना की थी इसका मुख्य उद्देश्य था झारखंड के समस्याओं पर अध्ययन करना तथा उनका समाधान सरकार को बताना।उन्होंने राइट टू फूड पर भी कार्य किया था तथा सरकार को उसे संबंधित विस्तृत रिपोर्ट सौंपीं थी। उन्होंने कहा कि उनके बताए गए आदर्श को जीवन में अपनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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सभा को सीटू के जिला उपाध्यक्ष गणेश कुमार वर्मा ने भी संबोधित किया तथा कहा कि प्रोफेसर रमेश शरण ने आदिवासी अर्थव्यवस्था पर विस्तृत काम किया था तथा उनका मानना था कि झारखंड की अस्मिता जल जंगल तथा जमीन है अतः इसे बचाने के लिए आवाज उठाना होगा। इसलिए झारखंड के विस्थापितों के लिए लगातार आवाज उठाने वाले में वह अग्रणी थे ।अंत में सभा को संबोधित करते हुए बीमा कर्मचारी संघ के महामंत्री जगदीश चंद मित्तल ने कहा कि प्रोफेसर शरण झारखंड में बेरोजगारी तथा पलायन के मुद्दे पर काफी चिंतित रहते थे इसीलिए उन्होंने झारखंड राज्य के निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाई थी ।
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इस विषय पर उनके क इ शोध पत्र प्रकाशित हुए थे।वह आदिवासी उत्थान तथा सारे समुदाय के प्रगति के हिमायती थी शोक सभा की अध्यक्षता सांगठनिक सचिव मदन कुमार पाठक ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त सचिव सुमित सिन्हा ने दिया ।इस सभा में हजारीबाग स्थित मंडल कार्यालय , शाखा कार्यालय तथा सी ए बी शाखा के ढेर सारे साथी उपस्थित थे। जिनमें मुख्य रूप से अरविंद कुमार, सुदर्शन सिंह ,दुर्गा सिंह,बबन कुमार ,राजेंद्र प्रसाद, महेंद्र सिंह ,शब्बीर अंसारी, तथा महिला साथियों में प्रतिभा लकड़ा, सुरंजना घोष , आशा मिंज,पूनम सिंह इत्यादि उपस्थित थीं।