रांची। मीडिया में छपी खबर माता-पिता के आकस्मिक निधन होने से बच्चों के अनाथ हो जाने पर झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश-सह-कार्यपालक अध्यक्ष, झालसा सुजित नारायण प्रसाद ने सोमवार को संज्ञान लिया है। झालसा अध्यक्ष ने झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार और जिला विधिक सेवा प्राधिकार को आदेश दिया है कि वह तत्काल टीम गठित कर बेड़ो प्रखंड के हरिहरपुर जामटोली गांव में पहुंचकर इन बच्चों को विधिक सहायता दे।
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निर्देश का पालन करते हुए न्यायायुक्त के मार्गदर्शन में डालसा के सचिव (ईंचार्ज) अभिषेक श्रीवास्तव, पीएलवी, सतीश कुमार, सधनी कुमारी, दिनेश कुमार प्रमाणिक सहित अन्य की टीम गठित कर बच्चों से मिलकर उन्हें हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
सरकारी योजनाओं की दी जानकारी
टीम ने पीड़ित परिवार से मिलकर पीड़ित परिवार को कई सरकारी योजनाओं की जानकारी दी।
डालसा टीम ने एक कमज़ोर परिवार की पहचान की गई। इसमें एक बुजुर्ग महिला और तीन अनाथ बेटियां हैं। चारों खराब आवासीय परिस्थितियों में रह रहे हैं और बुनियादी कल्याण अधिकारों तक पहुंच से वंचित हैं।
तत्काल कानूनी सहायता शुरू की गई और पेंशन योजनाओं, आवास, राशन और शिक्षा लाभों तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जा रही है।
टीम ने बाल कल्याण विभाग से संपर्क किया और उन्होंने तीनों लड़कियों को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में प्रवेश दिलाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी से भी डीएलएसए ने संपर्क किया और सहयोग का आश्वासन दिया।
इसके अलावा, पीएलवी को कमज़ोर लड़कियों और उनके रिश्तेदारों को डीएलएसए कार्यालय में लाने का निर्देश दिया गया है। तीनों लड़कियों के पुनर्वास, संरक्षण और देखभाल के लिए बेहतर समन्वय के लिए संबंधित विभाग को सूचित कर दिया गया है।
स्थानीय पीएलवी और ग्रामीणों ने हस्ताक्षरित आवेदन प्रस्तुत किया।
पीड़ित परिवार को विभिन्न योजनाओं दादा-दादी वृद्धा पेंशन योजना, पीएम आवास योजना, सिंचाई कूप योजना, सुकर पालन योजना, दीदी-बाड़ी योजना का लाभ दिलाने के लिए आवेदन पीएलवी और जन प्रतिनिधियों की ओर से डालसा को दिया गया है। डालसा की पहल पर मृतक माता-पिता के बच्चों को कस्तुरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने की ओर भी प्रयास किया जा रहा है।