जालौन। विकास भवन स्थित रानी लक्ष्मीबाई सभागार में रविवार को आकांक्षा समिति उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष डॉ० रश्मि सिंह (आईएएस) की अध्यक्षता में महिला सशक्तिकरण संवाद कार्यक्रम का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मण्डलीय आकांक्षा समिति झांसी की अध्यक्ष डॉ० रचना विमल, सचिव प्रतिभा सिंह गर्ग, सदस्य प्रीति सिंह, ऊषा, मीरा सहित अन्य पदाधिकारीगण गरिमामयी रूप से उपस्थित रहीं।
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कार्यक्रम के दौरान स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए उत्पाद स्टॉलों का अवलोकन किया गया। महिलाओं की रचनात्मकता एवं उद्यमशीलता को देखकर डॉ० रश्मि सिंह ने उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की और उन्हें मंच से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह महिलाएं अब सिर्फ स्वरोजगार करने वाली नहीं, बल्कि रोजगार प्रदाता बनकर समाज में नए प्रतिमान स्थापित कर रही हैं। कार्यक्रम की सांस्कृतिक गरिमा को बढ़ाते हुए गर्भवती महिला की गोद भराई और छह माह के शिशु का अन्नप्राशन भी सम्पन्न कराया गया।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम के रूप में मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत जनपद के सभी विकास खण्डों की 101 महिला पशुपालकों को गायें प्रदान की गईं, जिनमें से 05 महिलाओं को प्रतीकात्मक रूप से मंच से गायें सुपुर्द की गईं। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी महिला को ₹1500 मासिक पोषण अनुदान भी प्रदान किया जाएगा, जिससे पशुओं के आहार की समुचित व्यवस्था की जा सकेगी और बच्चों को शुद्ध एवं पौष्टिक दूध की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
अपने प्रेरणास्पद संबोधन में डॉ० रश्मि सिंह ने कहा कि महिलाएं केवल योजनाओं की जानकारी तक सीमित न रहें, बल्कि उन योजनाओं से सक्रिय रूप से जुड़ें और उनका लाभ लेकर आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, महिला हेल्पलाइन 181, स्वयं सहायता समूहों को बैंक लिंकेज एवं विपणन सहायता, तथा स्ट्रीट वेंडर्स हेतु स्वनिधि योजना प्रमुख हैं। इन सभी योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त, सामाजिक रूप से जागरूक और आत्मनिर्भर बनाना है।
उन्होंने कहा कि हम सभी अपने-अपने क्षेत्र में कर्मयोगी हैं, लेकिन समाज के प्रति हमारा दायित्व भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आकांक्षा समिति का उद्देश्य है कि हम समाज की प्रत्येक बहन को सरल भाषा व व्यवहारिक मार्गदर्शन के माध्यम से आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करें। महिलाओं को व्यापार, स्वरोजगार, तकनीकी शिक्षा, डिजिटल साक्षरता एवं उद्यमिता के माध्यम से जोड़ा जाए ताकि वे अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें।
इस अवसर पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय, मुख्य विकास अधिकारी केके सिंह, उपायुक्त स्वतः रोजगार महेंद्र चौबे, परियोजना निदेशक अखिलेश तिवारी सहित संबंधित अधिकारी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आदि मौजूद रहीं।