रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने झामुमो के संस्थापक संरक्षक और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन को हिमालय के स्खलन की उपमा देते हुए अपूरणीय क्षति बताया है।
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भट्टाचार्य ने कहा कि गुरुजी भले ही शारीरिक रूप से अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विचारधारा और शिक्षाएं हम सभी के लिए एक मजबूत प्रेरणा स्तम्भ के रूप में हमेशा हमेशा जीवित रहेंगी।
उन्होंने कहा कि गुरुजी का जीवन एक सतत संघर्ष की मिसाल रहा। उन्होंने हमेशा धारा के विपरीत जाकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी और कभी पराजित नहीं हुए। उनके संघर्ष से आदिवासी, मूलवासी, दलित, शोषित, मजदूर, किसान और महिलाएं जागरूक होकर अपने अधिकारों के लिए खड़ी हुईं।
भट्टाचार्य ने कहा कि गुरुजी ने अज्ञानता के खिलाफ शिक्षा, शोषण के खिलाफ संघर्ष, और सम्मानजनक जीवन के लिए जुझारू मार्ग दिखाया।