लखनऊ। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की अध्यक्षता में मंगलवार को योजना भवन, लखनऊ में ‘उत्तर प्रदेश @ 2047- विजन डॉक्युमेंट’ की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में दस्तावेज़ के निर्माण की वर्तमान प्रगति और भावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई।
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संयुक्त टीम के गठन का सुझाव
बैठक में नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम के समक्ष विजन डॉक्युमेंट के निर्माण प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण किया गया। उन्होंने एक संगठित और समन्वित कार्ययोजना का प्रस्ताव रखा तथा कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए एक संयुक्त टीम के गठन का सुझाव दिया। इस टीम में क्षेत्रीय एवं सेक्टर विशेषज्ञ, नीति आयोग के प्रतिनिधि तथा राज्य योजना विभाग के सदस्य शामिल होंगे, जिससे नीति-निर्माण में समन्वय मजबूत होगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाई पावर कमेटी बनाई जाए जो कि इस विजन डॉक्युमेंट को रिव्यू करेगी।
500 प्रोडक्ट्स/विषयों के एक समूह का गठन
राज्य योजना आयोग के प्रमुख सचिव ने विजन डॉक्युमेंट तैयार करने की चरणबद्ध कार्ययोजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 500 प्रोडक्ट्स/विषयों के एक समूह का गठन किया गया है। साथ ही, राज्य के सभी जनपदों में शैक्षणिक संस्थानों, पंचायतों, विभिन्न क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों और स्थानीय हितधारकों से संवाद करके सुझाव एकत्र किए जा रहे हैं। इसके अलावा, आम जनता से ऑनलाइन सुझाव लेने के लिए एक समर्पित पोर्टल भी शुरू किया गया है।
विद्यार्थियों तक हो इस विजन की पहुंच
नीति आयोग के सीईओ ने इस व्यापक जनभागीदारी की प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों की उपलब्धियों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक आयोजित की जाए और विद्यार्थियों तक इस विजन की पहुंच सुनिश्चित की जाए। बैठक में विजन डॉक्युमेंट की रूपरेखा तय करने के लिए एक समय सीमा भी निर्धारित की गई।
इस अवसर पर राज्य योजना आयोग के प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, संयुक्त निदेशक, निदेशक, शोध अधिकारी, टीम डेलाइट, टीम स्टेट सपोर्ट मिशन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने विजन डॉक्युमेंट के निर्माण के लिए आवश्यक तत्कालिक और दीर्घकालिक कदमों पर प्रभावी विचार-विमर्श किया।