रांची : झारखंड में कुरमी- कुड़मी के अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने की मांग के विरोध में शुक्रवार को रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में आदिवासी हुंकार रैली का आयोजन किया गया है। इसे लेकर आदिवासी बचाओ मोर्चा के बैनर तले हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग मैदान में जुटने लगे हैं।
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रैली में रांची के अलावा खूंटी, चतरा, लोहरदगा, मांडर, सिल्ली, गुमला, सिमडेगा, लातेहार समेत विभिन्न जिलों से लोग पारंपरिक वेशभूषा, ढोल-नगाड़े, तीर-धनुष और धार्मिक प्रतीकों के साथ जत्थों में रैली स्थल पर पहुंच रहे हैं।
रैली में झारखंड के सभी 33 आदिवासी समुदायों जैसे मुंडा, संथाल, उरांव, खड़िया, हो, बिरहोर सहित अन्य जनजातियों के लोग बड़ी संख्या में शामिल होने आ रहे हैं। संभावित भीड़ को देखते हुए रैली स्थल पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए 100 से अधिक वालंटियर तैनात किए गए हैं। रैली में शामिल लोगों के हाथों में पारंपरिक झंडे और बैनर भी नजर आ रहे हैं। पूरे मैदान में ढोल-नगाड़ों की थाप सुनाई दे रही है और पारंपरिक वेशभूषा में आदिवासियों की एकता की अद्भुत छवि देखने को मिल रही है।
मौके पर प्रेम शाही मुंडा ने कहा कि कुडमी समाज की ओर से एसटी दर्जे की मांग असंवैधानिक है और यह आदिवासियों की अस्मिता पर सीधा हमला है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आदिवासी समाज अपनी पहचान, परंपरा और अधिकार की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक संघर्ष करेगा।