कोयम्बूतुर: संस्कृतभारती का अखिल भारतीय त्रिदिवसीय अधिवेशन 7 से 9 नवम्बर 2025 तक तमिलनाडु के एट्टीमडै, कोयम्बूतुर स्थित अमृताविश्वविद्यापीठम् के परिसर में अत्यन्त उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। महाअधिवेशन का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने किया। सम्पूर्ण अधिवेशन अवधि में संघ के कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी की उपस्थिति रही।
इस अधिवेशन में भारत सहित विश्व के विभिन्न देशों से लगभग तीन हज़ार प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार, आधुनिक शिक्षा में संस्कृत के समावेश तथा सामाजिक जीवन में इसके व्यावहारिक प्रयोग पर विचार-विमर्श हुआ।
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झारखण्ड प्रान्त से कुल आठ प्रतिनिधि अपने कुटुम्ब के साथ इस अधिवेशन में सम्मिलित हुए, जिनमें प्रमुख रूप से प्रो. चन्द्रकान्त शुक्ल (क्षेत्राध्यक्ष, उत्तरपूर्व क्षेत्र), डॉ. मीना शुक्ला (कुटुम्ब सदस्य), डॉ. ताराकान्त शुक्ल (प्रान्ताध्यक्ष), डॉ. दीपचन्दरामकश्यप (प्रान्त उपाध्यक्ष), ओमप्रकाश गुप्ता (न्यासी), पृथ्वीराज सिंह, रामअचल यादव (विभाग संयोजक, देवघर), डॉ. श्रीमित्रा (प्रान्त समिति सदस्या), डॉ. प्रदीप कुमार पाण्डेय, डॉ. सरस्वती, डॉ. सुमित्रा, नरेश महथा, श्रेयान तथा समर्थ सम्मिलित थे।
अधिवेशन के विविध सत्रों में संस्कृत भाषण, संगोष्ठियाँ, कार्यशालाएँ एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ हुईं, जिनसे उपस्थित जनसमूह प्रेरित हुआ। समापन सत्र में यह संकल्प लिया गया कि — “मम स्थाने संस्कृतम् — मम कर्तव्यम्” — के भाव से प्रत्येक लोग अपने स्थान पर संस्कृत के अध्ययन, अध्यापन और व्यवहार को जीवन का अभिन्न अंग बनाएगा।










