धनबाद। धनबाद के निरसा स्थित ईसीएल मुगमा एरिया के बंद पड़े कापासारा आउटसोर्सिंग में रविवार सुबह अवैध उत्खनन के दौरान चाल धसने से चार लोगों की मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि खदान के भीतर अभी भी कई लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि खदान के अंदर कई शव पड़े हो सकते हैं, लेकिन जिला प्रशासन, पुलिस और ईसीएल प्रबंधन की ओर से अब तक इस घटना पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
घटना निरसा स्थित ईसीएल मुगमा एरिया के बंद पड़े कापासारा आउटसोर्सिंग की है। जहां रविवार की सुबह हर दिन की तरह अवैध कोयला माइंस में उत्खनन कर रहे लोगों पर अचानक खदान के ऊपर का हिस्सा टूट कर गिर पड़ा, जिसमें दबने से चार लोगों की मरने की सूचना है, जबकि कई अन्य के दबे होने की बात कही जा रही है। फिलहाल घटना पर धनबाद पुलिस ने चुप्पी साध रखी है, घटना की पुष्टि न तो जिला प्रशासन कर रहा है और न ही धनबाद पुलिस।
वहीं, घटना के बाद से ही कापासारा आउटसोर्सिंग में बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ हैं। खदान के मुहाने के आस-पास मजदूरों के कपड़े और अन्य सामान बिखरे पड़े मिले हैं।
स्थानीय निवासी ज्योति कुमारी और अंजू चटर्जी ने बताया कि यह बंद पड़ी खदान अवैध खनन का केंद्र बन चुकी है, जहां प्रतिदिन सुबह 4 बजे से रात 9 बजे तक सैकड़ों लोग कोयले का अवैध उत्खनन करते हैं। उन्होंने कहा कि आज की दुर्घटना में चार लोगों के दबे होने की सूचना है। मृतकों के परिजन भी मौके पर पहुंचे, लेकिन कोयला माफियाओं ने उन्हें कहीं छिपा दिया है। यदि खदान के मुहाने की सफाई कर मलबा हटाया जाए, तो भीतर से कई शव निकलने की संभावना है।
घटना की जानकारी मिलने पर ईसीएल की निरीक्षण टीम भी मौके पर पहुंची। टीम के सदस्य अरुण कुमार ने दबी जुबान में स्वीकार किया कि खदान बंद होने के बावजूद लगातार अवैध उत्खनन होता है। उन्होंने कहा कि ईसीएल की ओर से लगातार भराई करवाई जाती है, लेकिन इसके बाद भी लोग सुरंगें बनाकर कोयला निकाल लेते हैं।










