बोकारो। गोमिया प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आठ दिनों के भीतर हाथियों के हमले में तीन ग्रामीणों की मृत्यु हो चुकी है, जबकि संबंधित विभाग की ओर से अब तक कोई कारगर पहल नहीं किए जाने से इलाके में भारी रोष है। ताजा घटना कुंदा पंचायत के खरखण्डा गांव की है, जहां बीते रविवार देर रात लगभग 11 बजे झुंड से बिछड़ा एक जंगली हाथी गांव में घुस आया। उसने कई घरों के दरवाजे और दीवारों को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की। इसी दौरान स्थानीय महिला सांझो देवी (60) पर हाथी ने हमला कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, हाथी के धक्के से दरवाजा हिलने की आवाज सुनकर महिला बाहर की ओर गई। जैसे ही उसने दरवाजा खोला, हाथी ने उसे सूंढ़ में उठाकर घसीटते हुए कुछ दूर ले जाकर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
वहीं घटना की सूचना मिलते ही ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ललपनिया–रमगढ़ हीरक रोड पर मृतका का शव रखकर जाम कर दिया। देर शाम तक सड़क जाम रहने से दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई दिनों से हाथियों का आतंक बढ़ता जा रहा है, लेकिन विभाग और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। आठ दिनों के भीतर ही तिलैया गांव के दो युवक – प्रकाश महतो और चरकु महतो की हाथी के हमले में मौत हो चुकी है। इसके बावजूद हाथियों को भगाने या ग्रामीणों को सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। वहीं ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता है तो वे उग्र आंदोलन को विविश होंगे।
खबर लिखे जाने तक सड़क जाम जारी था और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।










