रांची। झारखंड की राजधानी रांची के नामकुम स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान में आयोजित सात दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को समापन हो गया। समापन समारोह में राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। इस अवसर पर उन्होंने लाह उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
कृषि मंत्री ने कहा कि लाह की मांग अब देश तक ही सीमित नहीं रही, अब तो विदेशों में भी लाह की मांग तेजी से बढ़ रही है। अगर आपका उत्पाद बेहतर होगा, तो आपके उत्पाद का बाजार मूल्य भी बढ़ेगा। गांव-पंचायत को अगर कलस्टर के तौर पर विकसित कर लाह के क्षेत्र में काम किया जाए, तो लाह के उत्पादन में झारखंड की एक नई पहचान बनेगी।
मंत्री ने कहा कि लाह के उत्पादन से जुड़ कर कई किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव पहले ही आ चुका है और अब मास्टर ट्रेनर्स के इस प्रशिक्षण से लाह उत्पादन से जुड़े किसानों का बड़ा फायदा होने जा रहा है। झारखंड में किसानों के सहयोग से एक दुरुस्त इको सिस्टम बनाना है। सरकार फिलहाल सहयोग की भूमिका में है।
उन्होंने कहा कि लाह की खेती झारखंड के लिए कोई नई बात नहीं है, यहां के लोग पारंपरिक रूप से लंबे समय से इस खेती से जुड़े रहे हैं। किसानों को प्रशिक्षण और आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने के लिए व्यापक कदम उठाए जाने चाहिए।
इस अवसर पर सिद्धको फेड की पहल पर सरायकेला-खरसावां और चाईबासा जिले के 200 किसानों को लाह की खेती का मास्टर प्रशिक्षण दिया गया। मास्टर ट्रेनिंग प्राप्त करने वाले किसानों को मंत्री ने प्रमाण पत्र दिए। उनके चेहरों पर आत्मविश्वास साफ़ झलक रहा था।
इस दौरान निसा और सिद्धको फेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके बारे में दावा किया गया कि यह भविष्य में लाह उत्पादन को बढ़ावा देने में तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने में कारगर साबित होगा।
इस अवसर पर निदेशक अभिजीत कर, सिडको फेड सचिव राकेश कुमार सिंह और जैस्को लैम्पफ के प्रबंध निदेशक प्रकाश कुमार भी उपस्थित थे।










