रांची। झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हो रहा है। लगभग 20 दिनों से वह मेडिका अस्पताल में इलाजरत हैं और एनआईबी पर उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है। स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता देख स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डॉक्टरों की सलाह पर दिल्ली से डॉक्टरों की टीम बुलाकर जांच कराने की बात कही थी। इसके बाद शनिवार को मेदांता के दो चिकित्सक डॉक्टर जतिन मेहता और डॉक्टर जयसवाल के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चिकित्सकों ने शिक्षा मंत्री के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी ली और बेहतर स्वास्थ्य लाभ देने की सलाह भी दी। शिक्षा मंत्री के इलाज कर रहे डॉक्टर विजय मिश्रा, डॉक्टर उमेश प्रसाद, डॉक्टर प्रदीप भट्टाचार्य और डॉक्टर बृजेश से जानकारी लेने के बाद मेदांता ग्रुप के चिकित्सकों ने सलाह देते हुए कहा कि फिलहाल एनआईबी से हटाकर शिक्षा मंत्री को वेंटिलेटर पर रखा जाए और उसके बाद अगर उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है तो फिर उन्हें लंग्स ट्रांसप्लांट करने के लिए हैदराबाद नहीं तो चेन्नई जैसे अस्पताल में भेजा जाए। तभी उनका स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि वेंटिलेटर पर रखने के लिए उनके परिजन मना कर रहे हैं। इसी को लेकर फिलहाल उन्हें एनआईबी पर रखा गया है। जब तक उनके परिजन अनुमति नहीं देते तब तक वेंटिलेटर पर नहीं रखा जा सकता। इधर , शिक्षा मंत्री के स्वास्थ्य को देखते हुए हेमंत सोरेन ने मंत्री के इलाज कर रहे डॉक्टरों और मंत्री के भाई बासुदेव महतो और पुत्र अखिलेश महतो के साथ बैठक कर रहे हैं।
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