बिहार में नई सरकार बनने के बाद अभी तक कैबिनेट का विस्तार भी नहीं हुआ है कि इस बीच सत्ताधारी एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं की सुगबुगाहट तेजी पकड़ कर रही है. ज्यादा सीटें जीतने वाली बीजेपी ने भले ही वादे के मुताबिक नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बना दिया हो लेकिन उनकी मौजूदगी पूरी तरह हजम भी होती नजर नहीं आ रही है. इस बीच अरुणाचल में जेडीयू विधायकों का बीजेपी में जाना, बिहार की सियासत को और सुलगा गया है. एनडीए की इस खलबली पर विपक्ष पैनी नजर बनाए हुए है और जीत की दहलीज तक पहुंचने वाली राजद को संभावनाएं नजर आने लगी हैं.
राजद के वरिष्ठ नेता और पू्र्व विधानसभा स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा ऑफर दिया है. उदय नारायण चौधरी ने कहा है कि ‘अगर नीतीश कुमार तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना दें तो उनको 2024 में प्रधानमंत्री के लिए विपक्षी पार्टियां समर्थन कर सकती हैं.’
यानी आरजेडी ने सरकार में आने की उम्मीद अब भी नहीं छोड़ी है और वो एक बार फिर से नीतीश कुमार के साथ जाने के लिए तैयार नजर आ रही है और इसके लिए नीतीश कुमार को दिल्ली भेजने का ऑफर तक दे दिया है. हालांकि, इसकी वजह बीजेपी और जेडीयू के बीच बढ़ रही खींचतान ही है.
रविवार (27 दिसंबर) को पटना में हुई जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश की जगह आरसीपी सिंह को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया. इस मौके पर आरसीपी सिंह ने ताजा विवाद पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया. आरसीपी सिंह ने कहा कि आज जो लोग स्ट्राइक रेट की बात कर रहे हैं उन्हें 2010 का चुनाव याद करना चाहिए जब जेडीयू का स्ट्राइट रेट 90 फीसदी था. आरसीपी सिंह ने कहा कि जेडीयू का स्ट्राइक रेट अच्छा होने के बावजूद नीतीश कुमार ने उस वक्त कहा था कि विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच जो तय हुआ था उसी के आधार पर मंत्री पद का बंटवारा होगा.
इसके अलावा जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने इस बैठक में ये भी कहा कि हमारी पार्टी किसी की पीठ में छुरा नहीं मारती है, साथ ही हम किसी को मौका भी नहीं देते हैं कि कोई हमारे पीठ में छुरा मार सके. आरसीपी के इस बयान को अरुणाचल प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है जहां जेडीयू के 6 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. दूसरी तरफ बीजेपी के पसंदीदा मुद्दे लव जिहाद के खिलाफ कानून पर जेडीयू ने खुद को अलग कर लिया है.
कुल मिलाकर दोनों दलों के बीच स्थिति फिलहाल काफी नाजुक नजर आ रही है. हालांकि, पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी का कहना है कि एनडीए का गठबंधन अटूट है और नीतीश कुमार सीएम पद के लिए एनडीए के नैचुरल च्वाइस थे. सुशील मोदी ने ये भी कहा है कि अरुणाचल एपिसोड का असर बिहार में एनडीए गठबंधन पर नहीं पड़ेगा. दूसरी तरफ जेडीयू महासचिव केसी त्यागी ने भी कहा है कि अरुणाचल में बीजेपी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है, उसकी जरूरत नहीं थी. साथ ही हमने ये भी स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में लव जिहाद पर किसी कानून का सवाल ही नहीं है. लेकिन बिहार में बीजेपी से हमारा गठबंधन मजबूत है.
बहरहाल, तमाम खींचतान के बावजूद एनडीए नेता भले ही गठबंधन मजबूत होने के दावे कर रहे हों लेकिन आरजेडी ने इस कलह के बीच नीतीश के सामने एक बड़ा ऑफर रख संभावनाओं के दरवाजे जरूर खोल दिए हैं.