रामगढ़। रामगढ़ में एक मंदिर ऐसा भी है जहां भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती है। जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित टूटी झरना मंदिर की खासियत यह है कि यहां जलाभिषेक पूरे 12 महीने और 24 घंटे होता है। कई दशकों से यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। भक्त मानते हैं कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई मन्नत सदैव पूरी होती है।
रेल पटरी बिछाने के दौरान हुई खुदाई में मिला था मंदिर
मंदिर का इतिहास सन 1925 से जुड़ा है। कहते हैं अंग्रेज इस इलाके में रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे। पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें जमीन के अंदर कुछ गुंबद नुमा चीज दिखाई पड़ी। लोगों को यह देखकर काफी आश्चर्य हुआ। पूरी खुदाई के बाद भगवान शिव का यह मंदिर लोगों के सामने लाया गया। मंदिर के अंदर भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग मिला और उसके ठीक ऊपर मां गंगा के सफेद रंग की प्रतिमा मिली। प्रतिमा के नाभि से जल निकल रहा था जो उनकी हथेली से गुजरते हुए शिवलिंग पर गिर रहा था।
किसी को भी नहीं पता जल का स्रोत
मंदिर के अंदर गंगा की प्रतिमा से स्वत: पानी निकलता रहता है। आज तक किसी को नहीं पता चला कि उस जल का स्रोत क्या है। यही रहस्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यहां खींच लाता है। मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। लोग दूर-दूर से यहां पूजा करने आते हैं। भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
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