रामगढ़। पार्टी में काम दिलाने का झांसा देकर 13 वर्ष की दोनों नाबालिग बच्चियों को सेक्स रैकेट के सदस्यों ने अपने चंगुल में फंसा था। इस मामले का खुलासा पुलिस और बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने किया है। छापेमारी दल में शामिल रजरप्पा थाना के सब इंस्पेक्टर सिलवानो तीडू ने बताया कि दोनों नाबालिग बच्चियों को पटना के बाकरगंज से लाया गया था। जिस लड़की ने उन्हें अपने जाल में फंसा था, उसने उन्हें शादी पार्टी व अन्य कार्यक्रमों में काम दिलाने की बात कही थी। दोनों लड़कियों को प्राइवेट गाड़ी से पटना से ले जाया जा रहा था। जब लड़कियां रजरप्पा पहुंची तो गैंग के लोगों ने होटल केसरी कुंज और देवलोक में कमरे बुक किए। होटल केसर कुंज के कमरा नंबर 201 और 202 में इन लड़कियों को रखा गया था।
सेक्स रैकेट का पता लगते ही दीवार फांद कर भागी दोनों लड़कियां
थाने में दोनों नाबालिग लड़कियों ने पुलिस को बताया कि रजरप्पा के दोनों होटल में कुल पांच लोग उनके साथ थे। उन लोगों ने उन पर कड़ी निगरानी रखी थी। होटल में दोनों लड़कियों को साफ तौर पर पुरुषों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव दिया जाने लगा। इसके बाद दोनों लड़कियां बहाना बनाकर बाहर निकली और फिर दीवार फांद कर भागने की कोशिश की। गैंग के लोगों ने उन्हें दोबारा अपने चंगुल में फांसने की योजना बनाई। लेकिन स्थानीय लोगों ने उनके मंसूबे को विफल कर दिया। जैसे ही उन्हें लगा कि अब वे पकड़े जाएंगे तो सभी फरार हो गए।
रांची के बाद कोलकाता और फिर मुंबई ले जाने की थी योजना
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि दोनों नाबालिग लड़कियों को पटना सिटी की रहने वाली प्रियंका नाम की लड़की ने अपने जाल में फंसा था। इसके बाद उन दोनों को काम दिलाने के बहाने पहले रांची ले जाना था। वहां से कोलकाता और फिर मुंबई की रंगीन गलियों में बेचने की योजना तैयार थी। दोनों लड़कियों की किस्मत अच्छी थी और उन लोगों ने हिम्मत से काम लिया। बरामद नाबालिक लड़कियों ने पुलिस को बताया कि सेक्स रैकेट की टीम में एक डॉक्टर भी शामिल था। इसका नाम उन्हें पता नहीं है। इसके अलावा एक अधेड़ उम्र का राकेश और दो नौजवान लड़के भी शामिल थे। प्रियंका लगातार पटना से उनके साथ थी।
होटल मालिक ने छापेमारी दल को नहीं किया सहयोग
बाल कल्याण समिति के सदस्य आकाश शर्मा ने बताया कि नाबालिक लड़कियों को बरामद करने के लिए जब छापेमारी की गई तो दोनों होटलों के मालिक ने कोई सहयोग नहीं किया। होटल केसरी कुंज और देव लोक के रिसेप्शन पर बैठे लोगों ने कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराएं। उन लोगों ने सेक्स रैकेट से जुड़े संदिग्ध लोगों के नाम और पते भी नहीं दिए । यहां तक कि उन लोगों का कोई भी दस्तावेज उन लोगों ने नहीं लेने की बात कही। टीम को पूरा संदेह है कि होटल प्रबंधन सेक्स रैकेट से जुड़े लोगों के साथ जुड़ा हुआ है।



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