नई दिल्ली। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक शनिवार को आरंभ हो गई जिसमें पार्टी अध्यक्ष समेत संगठनात्मक चुनावों पर निर्णय होने की संभावना है।
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में पांच राज्यों में कुछ महीने के बाद होने वाले विधानसभा चुनावों, मौजूदा राजनीतिक हालात के साथ ही लखीमपुर खीरी की घटना, किसान आंदोलन, बेरोजगारी, महंगाई तथा आर्थिक स्थिति पर चर्चा हो सकती है और कुछ प्रस्ताव भी पारित किए जा सकते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हो रही बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी और कई अन्य नेता शामिल हैं।
कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के नेताओं की ओर से पार्टी के भीतर संवाद की मांग किए जाने और हाल के महीनों में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की पृष्ठभूमि में यह बैठक हो रही है।
पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी। आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जाए।
सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान के बीच पिछले दिनों पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे और कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए तथा संगठनात्मक चुनाव कराए जाने चाहिए।
सीडब्ल्यूसी की बैठक ऐसे समय में होने जा रही है जब सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद, लुईजिन्हो फालेरियो और कई अन्य वरिष्ठ नेता पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक इस मायने में भी अहम है कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लंबे समय से लंबित है। कुछ महीने पहले कोरोना वायरस महामारी के कारण अध्यक्ष के चुनाव को स्थगित कर दिया गया था, जो पहले जून महीने में प्रस्तावित था।
सूत्रों का कहना है कि सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर किसी तारीख या रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा सकता है। कांग्रेस सूत्रों ने यह भी बताया कि इस बैठक में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भी चर्चा होगी।