सरायकेला। सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ के तिरुलडीह थाना में पत्रकार विद्युत महतो की बेरहमी से पिटाई कर दी गई। मामला ट्रैक्टर से बालू के अवैध उठाव को लेकर जुड़ा है। आरोप है कि पत्रकार ने जब थाने में वैध उठाव की शिकायत की, तो उसकी एक नहीं सुनी गयी। उल्टे उसकी पुलिस ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी। घायल विद्युत महतो को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती किया गया है।
दूसरी ओर पुलिस ने पत्रकार पर ग्रामीणों के साथ मिलकर थाना के समक्ष हंगामा और पुलिस से अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है। इस मामले में कई पत्रकार संगठन भी आगे आ रहे हैं। फिलहाल पूरा मामला जांच का विषय बना हुआ है।
बताया जाता है कि शुक्रवार को दो ट्रैक्टर ईचागढ़ थाना क्षेत्र से तिरुलडीह होते हुए बंगाल जा रहे थे, जिन्हें ग्रामीणों ने रोक लिया था। उस दौरान पत्रकार विद्युत महतो किसी काम को लेकर तिरुलडीह में ही थे। उन्होंने दोनों ट्रैक्टर का वीडिया फुटेज बनाने के बाद इसकी सूचना तिरुलडीह थाना प्रभारी राकेश मुंडा को देते मौके पर आने की बात कही. हालांकि, थाना प्रभारी नक्सलियों के प्रतिवाद सप्ताह का हवाला देते हुए नहीं आये। उसके बाद ग्रामीणों ने दोनों ट्रैक्टर चालकों के साथ दुर्व्यवहार किया। डर के मारे दोनों ट्रैक्टर चालक फरार हो गये।
इसके बाद ग्रामीणों ने स्थानीय ट्रैक्टर चालकों को बुलाकर दोनों ट्रैक्टरोंं को तिरुलडीह थाना पहुंचा दिया। जानकारी के अनुसार उसी दौरान वहां पहुंचे विद्युत महतो थाना के सामने ट्रैक्टर का फुटेज बनाने लगे। फिर पुलिस को दोनों ट्रैक्टरों की जब्ती बनाने को कहा। इतना होने पर भी थाना प्रभारी थाना नहीं पहुंचे। इसी बीच थाना के संतरी ने सुरक्षा का हवाला देते हुए विद्युत महतो तथा अन्य ग्रामीणों को कहा कि वे वापस चले जायें अथवा थाने में लिखित रूप से अवैध बालू लदा ट्रैक्टर पकड़ने की सूचना दें।
इस पर ग्रामीण तो वहां से चले गये, लेकिन विद्युत वहीं डटे रहे। इसी बीच उनके साथ मारपीट की घटना घटी बतायी जाती है। थाना प्रभारी के निर्देश पर विद्युत महतो को इलाज के लिए तिरुलडीह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। वहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल रेफर किया गया।
इस पूरे मामले में तिरुलडीह थाना प्रभारी राकेश मुंडा का कहना है कि विद्युत महतो करीब तीस की संख्या में ग्रामीणों के साथ थाना पहुंचे थे। वहां हंगामा करते हुए पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार किया गया। इसे देखते हुए संतरी और पुलिसकर्मियों ने लोगों हंगामे पर उतारू लोगों पर डंडा चलाया। उसी दौरान पत्रकार को भी थोड़ी बहुत चोट आयी। उसे इलाज के लिए पुलिस ने ही अस्पताल भेजा।