नई दिल्ली। खट्टा-मीठा प्यार हिंदुस्तान-पाकिस्तान का जगजाहिर है पर दो देशों के बीच एक डोर ऐसी थी, जिसने दोनों मुल्कों के लोगों को एक साथ जोड़ कर रखा था। वो डोर थीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर(lata mangeshkar)।
हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बंटवारे में सिर्फ एक देश के दो हिस्से नहीं हुए, बल्कि संगीत प्रेमियों से उनकी चहेती गायिका लता मंगेशकर(lata mangeshkar) भी दूर हो गईं थीं। हालांकि, दूर होकर भी पाकिस्तानी संगीत प्रेमी खुद को कभी लता दीदी से अलग नहीं कर पाये वो लगातार यही चाहते थे कि कैसे भी करके लता उनके देश आ जायें। इसके लिये वो कश्मीर तक देने के लिये राजी थे।
कहते हैं कि ऑल इंडिया रेडियो को एक लेटर दिया गया था। इस लेटर में लता मंगेशकर को लेकर कहा गया था कि ‘हिंदुस्तान कश्मीर रख ले, लेकिन लता मंगेशकर (lata mangeshkar) को पाकिस्तान को दे दिया जाये।’ लता मंगेशकर के चाहने वालों में सिर्फ आम जनता ही नहीं, बल्कि कई दिग्गज सिंगर भी शामिल थे।
इस लिस्ट में महान गायिका नूर जहां का नाम भी है। एक दफा नूर जहां ने लता मंगेशकर के बारे में बात करते हुए कहा था कि ‘वो मेरी तारीफ करती हैं पर लता मंगेशकर एक है, उन जैसा आज तक कोई पैदा नहीं हुआ है।’ इन बातों से समझा जा सकता है कि लता मंगेशकर पाकिस्तानी आवाम के लिये कितना महत्व रखती थीं।
संगीत की दुनिया में कई बड़े-बड़े संगीतकारों ने जन्म लिया, लेकिन लता मंगेशकर उन सब में सबसे अलग और खास थीं। उन्हें सुन कर ऐसा लगता था, जैसे मानों उनके कंठ में स्वयं मां सरस्वती विराजमान हैं। लता दीदी की मीठी आवाज में एक सुकून था, जिसे सुनकर दिल को काफी ठंडक मिलता थी। उनकी आवाज के चर्चे सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी मशहूर थे। इसलिये उनकी सुरीली आवाज हमेशा से वैज्ञानिकों के लिये रिसर्च का एक मुद्दा रही।
कहा जाता है कि विदेशी उनके वोकल कॉर्ड पर रिसर्च करना चाहते हैं। लता मंगेशकर म्यूजिक इंडस्ट्री की वो शख्सित थीं, जिनकी कमी सच में कभी पूरी नहीं की जा सकेगी।