लखनऊ। मणिपुर में उपजी विषम परिस्थितियों के बीच उत्तर प्रदेश के छात्रों को वहां से सकुशल निकालने को लेकर योगी सरकार के रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक 142 छात्रों को वापस लाने में सफलता मिली है। इसके बाद अब एक भी छात्र वापस लाये जाने के लिए नहीं बचा है।
प्रदेश के 50 जिलों के कुल 158 छात्र मणिपुर के विभिन्न सस्थानों में फंसे थे, जिन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाते हुए सकुशल वापस यूपी लाया जा सका है। राहत आयुक्त प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि मणिपुर में विभिन्न शिक्षण संस्थानों में यूपी के 158 छात्र होने की जानकारी मिलने के बाद ही उन्हें वहां से सकुशल निकालने के लिए मिशन मोड में अभियान चलाया गया। अबतक 142 छात्रों को यूपी वापस लाया गया है। इसके अलावा 11 छात्रों ने अपने संसाधन से यूपी लौटने की बात कही है। जबकि पांच ऐसे छात्र हैं जिन्होंने मणिपुर से वापस आने से इनकार किया है। इस प्रकार अब शासन स्तर पर एक भी छात्र मणिपुर में नहीं बचा है, जिन्हें वापस लाना है।
राहत आयुक्त ने बताया कि नौ मई से छात्रों के वापस आने का सिलसिला शुरू हुआ था। इसमें पहले दिन 62 छात्र, 10 मई को 36 छात्र, 11 मई को 32 छात्र वापस आए हैं। वहीं अंतिम दिन 12 छात्र मणिपुर से सकुशल लौटे हैं। इन छात्रों में कुछ को इम्फाल से दिल्ली लाया गया, जहां यूपी भवन में विश्राम और भोजन आदि की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा बड़ी संख्या में छात्रों को लखनऊ एयरपोर्ट लाया गया। सभी छात्रों को बाद में वॉल्वो बसों और कार के जरिए उनके जिलों में उनक घर तक भेजा गया है।
छात्रों की सकुशल वापसी के बाद सभी बच्चों और उनके अभिभावकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताया है। राहत आयुक्त ने बताया कि मणिपुर की सरकार की ओर से यूपी के छात्रों को निकालने में भरपूर सहयोग मिला। यूपी के छात्रों को वहां एक बस से एयरपोर्ट लाने की सुविधा प्रदान की गई है। इसलिए कोई भी छात्र किसी तरह की हिंसा का शिकार या इंजर्ड नहीं हुआ है।
प्रभु नारायण सिंह के अनुसार सर्वाधिक बच्चे लखनऊ, प्रयागराज और कानपुर जिले के हैं। इनके साथ ही यूपी के 50 जिलों के छात्रों को मणिपुर से सकुशल वापस लाया गया है। उन्होंने बताया कि ट्रिपल आईटी मणिपुर के 65 छात्र, एनआईटी इम्फाल के 49 छात्र, स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के 30 छात्र, मेडिकल कॉलेज के दो छात्र, सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के तीन छात्र, मणिपुर यूनिवर्सिटी ऑफ कल्चर का एक छात्र, जेएनआईएमएस के छह छात्र सहित दो अन्य छात्रों के बारे में सरकार को जानकारी मिली थी।
राहत आयुक्त ने बताया कि मणिपुर में विषम परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर तत्काल हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की गई थी, जिसके बाद मणिपुर में कुल 158 छात्रों के फंसे होने की बात पता लगी थी। उन्होंने बताया कि पहले सरकार को 136 छात्रों के मणिपुर में होने की जानकारी मिली थी, जिस पर अभियान चलाकर उन्हें वापस लाने की कार्रवाई शुरू की गई। इसके बाद 22 और छात्रों के बारे में पता लगा। प्रदेश सरकार की ओर से लग्जरी बसों और कारों से सुरक्षित उनके घरों के लिए रवाना किया गया है। रेस्क्यू अभियान के तहत मणिपुर से आने वाले सभी छात्रों की उचित देखभाल की गई। दूर-दराज के जिलों के छात्रों को वोल्वो बसों द्वारा भेजा गया, जबकि आस-पास के बच्चों के लिए कार का प्रबंध किया गया था।