रांची: दो हजार रुपये के नोट चलन से बाहर करने के फैसले का व्यापार और उद्योग जगत समर्थन करता है। दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने के लिए चार माह का पर्याप्त समय भी दिया गया है। जिससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। व्यापारी सामान्य तरीके से इसका लेन-देन करें और तय समय तक नोट को बैंकों में जमा करा दें।
आरबीआई के निर्णय पर झारखंड चेंबर आॅफ कॉमर्स की प्रतिक्रिया इस प्रकार। चेंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि दो हजार के नोट का चलन मौजूदा व्यापार में केवल 5 से 10 फीसदी ही था। चूंकि ज्यादातर कारोबार अब डिजिटल फॉर्म में चला गया है और यूपीआई से लेनदेन का प्रचलन बढ़ा है। ऐसे में व्यापार जगत को इस फैसले से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ेगा।
महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन ने कहा कि दो हजार के नोट चलन से बाहर करने के लिए चार महीने का समय दिया गया है। इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है।
उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। इकोनॉमी के लिए यह फैसला अच्छा है।
उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने कहा कि आरबीआई का स्वागतयोग्य निर्णय है। कारोबार जगत को इससे कोई परेशानी नहीं होगी।
सह सचिव रोहित पोददर ने कहा कि 30 सितंबर तक बाजार में दो हजार रूपये का नोट चलेगा, इसलिए लोगों को तनिक भी घबराने की जरूरत नहीं है।
सह सचिव शैलेष अग्रवाल ने कहा कि कालेधर पर प्रहार के लिए यह प्रशंसनीय निर्णय है। फैसले से साफ सुथरे लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी। कोषाध्यक्ष सुनिल केडिया ने कहा कि सरकार का यह कदम मुद्रास्फीति और कालेधन को कम करेगा।
प्रवक्ता ज्योति कुमारी ने कहा कि नोटबंदी के बाद जो नए नोट जारी किए गए थे उसी वक्त यह फैसला लिया गया था कि इसे वापस लिया जाएगा। उस वक्त कैश क्राइसिस से निपटने के लिए आरबीआई ने अस्थाई तौर पर 2000 का नोट जारी किए थे। यह अच्छा कदम है। इससे जमाखोरी पर अंकुश लगेगा।