हमीरपुर। जिले के ज्यादातर लोग अब सेहत को ठीक रखने के लिए योग और प्राणायाम से नाता जोड़ लिया है। यहां सुबह और शाम यमुना और बेतवा नदियों के तट पर कई स्थानों पर योग की पाठशाला लोगों से गुलजार रहती है। हमीरपुर में एक 88 साल की बुजुर्ग महिला ने योग और प्राणायाम से कैैंसर जैसी घातक बीमारी को भी मात दे दी है। यह अपना काम बिना किसी सहारे खुद करती हैं।
हमीरपुर शहर के पटकाना मुहाल निवासी कैलासवती 88 बसंत देख चुकी हैं। इनके तीन पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। सभी की शादी हो चुकी है। बुजुर्ग महिला के तीनों बेेटे अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं। मौजूदा में यह अपने छोटे पुत्र जगत प्रसाद मिश्रा के घर में रहती हैं। इतनी उम्र होने के बावजूद यह खुद ही अपना सारा काम करती हैं। इनकी छोटी बेटी रानी शुक्ला ने बताया कि पच्चीस साल पहले मां बिल्कुल ठीक थी। अचानक पेट में तकलीफ बढऩे पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। आराम न मिलने पर कानपुर ले जाया गया जहां कैैंसर अस्पताल में तमाम जांचें की गईं। उन्होंने बताया कि कैैंसर अस्पताल के डाँ. ईश्वर चन्द्र खरे ने जांच के बाद मां के पेट में कैैंसर के लक्षण होने की बात कही। कैंसर बीमारी होने पर घर के सभी लोग घबरा गए लेकिन मां जरा भी नहीं घबराई।
उनकी बेटी ने बताया कि बाद में किसी की सलाह पर होम्योपैथिक इलाज कराया गया। साथ ही मां नियमित रूप से योग करने लगीं। बुजुर्ग कैलासवती ने बताया कि वाकई योग ने उन्हें नया जीवन दिया है। इसलिए सभी लोगों को सुबह की शुरुआत योग से ही करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि वह खुद ही योग और कुछ प्राणायाम कई सालों से कर रही हैं। इसके अलावा नियमित रूप से शिवमंदिर में भोलेनाथ को एक लोटा जल चढ़ाने से भी बड़ा लाभ मिला है।
कैैंसर हास्पिटल ने भी इलाज करने से खड़े किए थे हाथ
करीब ढाई दशक पहले 88 वर्षीय कैलास वती को पेट में दर्द होने पर कानपुर जेके अस्पताल ले जाया गया था। वहां कैैंसर रोग विशेषज्ञ डाॅ. ईश्वर चन्द्र खरे ने ब्लड और अन्य जांच की। जांच में कैैंसर के लक्षण पाए जाने पर उन्होंने इनका इलाज शुरू किया था। कई महीने तक दवाएं खाती रहीं। कई महीने बाद फिर अस्पताल ले जाया गया लेकिन बुजुर्ग महिला की हालत देख डाॅक्टर ने यह कहकर हाथ जोड़ लिए थे कि अब इनकी सेवा घर पर करें। डाॅक्टर के जवाब देने के बाद परिजन और रिश्तेदार मायूस हो गए थे।
नियमित योग से कैैंसर बीमारी से लड़ रही बुजुर्ग महिला
योग और प्राणायाम के जरिए कैैंसर पीड़ित वृद्धा ने बीमारी को मात दे दी है। इससे पड़ोसी भी दंग हैं। उम्र के आखिरी पड़ाव में आने के बाद भी यह वृद्धा आज भी घर में खुद का सारा काम कर रही हैं। और तो और रोज तड़के बिस्तर छोडऩे के बाद स्नान और ध्यान करने के बाद सीधे मंदिर जाकर पूजा करती हैं। इसके बाद फिर योग और प्राणायाम करती हैं। परिजनों ने बताया कि कैैंसर अस्पताल के डॉक्टर कह रहे थे कि यह तीन साल तक ही चल सकती हैं लेकिन भगवान की कृपा से वह अब भी पूरी तरह से ठीक हैं।