Palamu: जिले के पिपरा प्रखंड अंतर्गत गोरीयवटा मौजा के गड़ईबांध में सोमवार को नहाने के दौरान डूबने से दो स्कूली बच्चों की मौत हो गई। दोनों स्कूल से भागकर नहाने पहुंचे थे। घटना के बाद बच्चों के परिजन और स्थानीय लोगाें ने दोनों स्कूलों में हंगामा किया और बच्चों की मौत के लिए शिक्षकों को जिम्मेवार ठहराया। आरोप लगाया कि शिक्षकों की लापरवाही से बच्चे स्कूल से बाहर निकले और फिर नहाने चले गए। अभिभावकों ने इस क्रम में कई अन्य आरोप भी शिक्षकों एवं प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पर लगाए।
मृत बच्चों में सकलदीपा गांव के विजय सिंह का इकलौता पुत्र पीयूष कुमार सिंह (11) एवं मधुबना के रविन्द्र सिंह का पुत्र शिवम कुमार (12) शामिल है। पीयूष राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरवाडीह का सातवें कक्षा का छात्र था, जबकि शिवम मुधबना उत्क्रमित उच्च विद्यालय में कक्षा सात में पढ़ाई करता था।
दोनों हर दिन की तरह अपने अपने स्कूल गए हुए थे। वहां बैग रखने के बाद दोनों नहाने के लिए निकल गए थे। स्कूल से डेढ़ किलोमीटर दूर गड़इबांध में दोनों नहा रहे थे। इसी क्रम में दोनों डूब गए। उनके डूबने की जानकारी ग्रामीणों को हुई। आनन फानन में मौके पर तेंदुई पंचायत के मुखिया पति अरविन्द सिंह पहंुचे और ग्रामीणों की मदद से बच्चों को बांध से निकालकर अस्पताल ले गए। हालांकि उससे पहले ही उनकी मौत हो गई थी।
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बड़ी संख्या में ग्रामीण और बच्चों के अभिभावक स्कूल पहुंच गए। हंगामे की सूचना पर पिपरा थाना प्रभारी अमित कुमार सिंह भी पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को शांत कराने का प्रयास किया। मुधबना उत्क्रमित उच्च विद्यालय में जमकर हंगामा किया गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार टीसी काटते हैं और मनमाना पैसा वसूलते हैं। कई लोगांे के पैसे उन्हांेने ऑनलाइन यूपीआइ के माध्यम से लिए हैं।
राजकीय उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरवाडीह में हंगामे के दौरान जिला पार्षद गगन पासवान, प्रमुख विक्रांत सिंह यादव उर्फ गुड्डू यादव, पिपरा मुखिया रामाशीष पासवान आदि भी थे। बरवाडीह उच्च विद्यालय में 15 शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन मौके पर मात्र पांच नजर आए। पांच प्रतिनियुक्ति पर हैं। पांच शिक्षक गायब मिले। ग्रामीणों ने कहा कि ना तो स्कूल में बेहतर शिक्षा दी जाती है और ना ही बच्चों का ख्याल रखा जाता है। स्कूल से छुट्टी होने के बाद बच्चों की हाजिरी बनाई जाती है, ताकि मध्यान भोजन में गड़बड़ी की जा सके। अगर शिक्षक सजग रहते तो बच्चों की मौत नहीं होती।
मौके से पुलिस ने बच्चों के शव कोपोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में भेज दिया है।