Ranchi: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन (cm hemant soren) ने सोमवार को झारखंड मंत्रालय के सभागार में आयोजित पिपिंग सेरेमनी कार्यक्रम में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में नवप्रोन्नत राज्य पुलिस सेवा के 24 पुलिस अधिकारियों को बैज लगाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के लिए सुनहरा अवसर तथा ऐतिहासिक क्षण है, जब झारखंड पुलिस सेवा के 24 अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा में प्रोन्नति मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग में कई बार फाइल मूवमेंट के समय अधिकारियों द्वारा यह बताया गया कि राज्य पुलिस सेवा के प्रोन्नति से संबंधित फाइल सांप-सीढ़ी की तरह ऊपर-नीचे हो रहा है। कार्यपालिका नियम-कानून के तहत अपना कार्य कर रही है, परंतु प्रोन्नति से संबंधित फाइल तेज गति से आगे नहीं बढ़ रहा है। तभी मैंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रोन्नति से संबंधित फाइल में मैं कितनी बार साइन करूं? मेरी जिज्ञासा थी कि आखिर प्रोन्नति कब मिलेगी, राज्य सरकार द्वारा इस पर गंभीरता पूर्वक कार्य किया गया अंतोगत्वा आज प्रोन्नति का सुखद क्षण हमारे बीच आया और राज्य पुलिस सेवा के 24 अधिकारियों का भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में प्रोन्नति मिलने का सपना पूरा हुआ है। इन सभी नव प्रोन्नत भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों एवं उनके परिजनों को मैं आज अपनी ओर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करता हूं।
झारखंड में पहली बार एक साथ 24 राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी आईपीएस में प्रोन्नत हुए,
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के इतिहास में पहली बार यह क्षण आया है जब इतनी बड़ी संख्या में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा में प्रोन्नत हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा में प्रोन्नत हुए 24 अधिकारियों में से दो ऐसी महिला अधिकारी श्रीमती सरोजिनी लकड़ा एवं श्रीमती अमेल्डा एक्का हैं, जो महज कॉन्स्टेबल पद से आईपीएस बनने तक का लम्बा सफर तय किया है। इन दोनों महिला आईपीएस अधिकारियों का सफर राज्य पुलिस कर्मियों के लिए प्रेरणास्रोत एवं मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लगभग 158 आईपीएस के पद निर्धारित हैं, जिसमें से 110 पद सीधे यूपीएससी से रिक्रूट होते हैं वहीं 48 पदों पर राज्य पुलिस सेवा के पदाधिकारी प्रोन्नत होकर आईपीएस सेवा में शामिल होते हैं। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आज जो नव प्रोन्नत 24 आईपीएस अधिकारी राज्य को मिल रहे हैं, ये झारखंड में विधि-व्यवस्था संधारण में मजबूती लाने के साथ-साथ पुलिस विभाग में अधिकारियों की कमी को कुछ हद तक भरने में सहायता प्रदान करेंगे।
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राज्य सरकार के कर्मियों को उनका हक-अधिकार देने का काम कर रहे हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने शुरुआती दिनों से ही राज्य में विभिन्न सेवा के कर्मियों एवं पदाधिकारियों को उनके हक और अधिकार देने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई संवर्गों में तो लोग प्रभारी के रूप में कार्य करते-करते सेवानिवृत्त हो गए और उनके प्रोन्नति से संबंधित फाइलें रुकीं रह गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रोन्नति से संबंधित समस्याओं को निपटाने का काम किया है। अब राज्य सरकार के कर्मियों को नियमानुसार प्रोन्नति मिलनी शुरू हो गई है।
मुख्यमंत्री ने नव प्रोन्नत भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों से कहा कि आप अपने कर्म क्षेत्र में निर्भीक होकर जिम्मेदारी का निर्वहन करें, राज्य सरकार झारखंड की आम जनमानस के साथ-साथ सरकार के अधिकारियों का भी मान-सम्मान एवं अधिकार का पूरा ख्याल रखेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने सरकारी कर्मियों को पुरानी पेंशन की सौगात दी है। हमारे राज्य में कुछ ऐसे सरकारी कर्मी हैं जो अब रिटायरमेंट के कगार पर हैं और वे काफी खुश और उत्सुक दिख रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि राज्य सरकार अब उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ देगी, जो बुढ़ापे की लाठी के रूप में सेवानिवृत्त कर्मियों को जीवन भर सहायता करेगी।
इन आईपीएस अधिकारियों को किया गया सम्मानित
सरोजिनी लकड़ा, एमेल्डा एक्का, सादिक अनवर रिजवी, अरविंद कुमार सिंह, विकास कुमार पांडेय और विजय आशीष कुजूर (सभी 2017 बैच), दीपक कुमार शर्मा, राजकुमार मेहता, शंभू कुमार सिंह, अजय कुमार सिन्हा, अनुदीप सिंह, पूज्य प्रकाश, सहदेव साव, अमित कुमार सिंह, अजीत कुमार, मुकेश कुमार, दीपक कुमार पांडेय और अनिमेष नैथानी (सभी बैच 2019), अजय कुमार-I, आरिफ एकराम, डॉ. विमल कुमार, मनीष टोप्पो, कैलाश करमाली और पीतांबर सिंह खेरवार (सभी बैच 2020) शामिल थे।
इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग अविनाश कुमार, डीजीपी अजय कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) अनुराग गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे सहित भारतीय पुलिस सेवा के अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं नव प्रोन्नत 24 भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के परिजन उपस्थित थे।