सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के बयान की हो रही चौतरफा आलोचना
Amit Shah Nadda BJP on
Sanatan Dharma Comment
– अमित शाह बोले- सनातन का राज लोगों के दिलों में, जिसे कोई हटा नहीं सकता
– नड्डा का सवाल- क्या आईएनडीआईए की नीति का हिस्सा है उदयनिधि का बयान
– सनातन धर्म को जिसने भी मिटाने की कोशिश की, वह खुद नष्ट हो गयाः विहिप
नई दिल्ली/डूंगरपुर/सतना, तमिलनाडु की द्रमुक सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान का देशभर में विरोध शुरू हो गया है। भाजपा और विहिप समेत कई संगठनों ने इस बयान की कड़ी आलोचना की है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को राजस्थान के डूंगरपुर जिले के बेणेश्वर धाम में एक जनसभा में विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए के घटक दल द्रमुक और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के एक पुराने बयान को इससे जोड़ते हुए कहा कि अपनी राजनीति के लिए कांग्रेस और द्रमुक सनातन धर्म को समाप्त करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि सनातन का राज लोगों के दिलों में है, जिसे कोई हटा नहीं सकता।
शाह ने कहा कि इस देश की संस्कृति और इतिहास सनातन धर्म से जुड़े हुए हैं। आईएनडीआई के दो प्रमुख दल द्रमुक और कांग्रेस और इनके बड़े नेता कह रहे हैं कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। यह कोई पहली बार सनातन का अपमान नहीं किया गया है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि बजट पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है। वहीं भाजपा मानती है कि बजट पर पहला अधिकार गरीबों, आदिवासियों, दलितों का है। इन्होंने वोट बैंक के लालच में अल्पसंख्यकों का पहला अधिकार सिद्ध कर दिया।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उदयनिधि स्टालिन के बयान को लेकर आईएनडीआईए पर हमला बोला। उन्होंने मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक जनसभा में कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन आईएनडीआईए की यह राजनीतिक रणनीति है। मुंबई में बैठक के एक दिन बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन सनातन घर्म को समाप्त कर देने की बात कह रहे हैं। साथ ही वे कह रहे हैं कि इसे ऐसे समाप्त करो जैसे डेंगू, मलेरिया और कोरोना को समाप्त करते हैं। नड्डा ने इस बारे में ‘घमंडिया’ गठबंधन से सवाल पूछा कि क्या उदयनिधि स्टालिन का बयान उसकी गठबंधन की नीति का हिस्सा है। वे पूछना चाहते हैं कि क्या गठबंधन को भारत के गौरव और इतिहास से कोई लगाव नहीं है।
विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन के बयान के गंभीर परिणाम होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लमान और अंग्रेज सनातन धर्म को तो मिटा नहीं सके, जिसने भी मिटाने की कोशिश की है वे स्वयं नष्ट हो गया है। वे पूछना चाहते हैं कि क्या यह तमिलनाडु सरकार का आधिकारिक बयान है। अगर है तो यह संविधान के खिलाफ है। ऐसे में केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि द्रविड़ संस्कृति में एकत्व का भाव है उसे समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय से हमारी असहमति नहीं है लेकिन सनातन से ही समातामूलक समाज बनाने का रास्ता निकलेगा।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि आईएनडीआईए के घटक दल लगातार सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। उदयनिधि का बयान पहली घटना नहीं है। इससे पहले उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य, कर्नाटक में वर्तमान में पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली, आम आदमी पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष रहे और अब पार्टी के महासचिव गोपाल इटालिया हिन्दू धर्म के खिलाफ बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही हिन्दू आतंकवाद जैसा शब्द लाई थी। वहीं तमिलनाडु के एक जिले में 70 प्रतिशत मुस्लिम होने पर हिन्दुओं को उनकी आस्था का पालन करने से रोका जाता है।
त्रिवेदी ने कहा कि उदयनिधि का बयान जिस कॉन्फ्रेंस में दिया उसका शीर्षक ‘इरेडिकेशन आफ सनातन धर्म’ था। उन्होंने पढ़कर बयान दिया जिसका मतलब है कि इसे सोच-समझ कर लिखा गया था। वे पूछना चाहते हैं कि उदयानिधि को किसने लिख कर दिया था और इसमें आईएनडीआईए का क्या रोल है। मुंबई में गठबंधन की बैठक खत्म होती है और 24 घंटे के अंदर इस तरह का बयान आता है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चन्द्रशेकर ने एक्स पर उदयनिधि के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ये राजवंश (करुणानिधि परिवार) वास्तव में परजीवी हैं जिन्होंने दशकों तक लोगों की कमजोरियों का शिकार किया और हमारे राष्ट्र और लोगों की संपत्ति को चूस लिया। अपने भ्रष्टाचार और परजीवी व्यवहार की आड़ में वे ‘द्रविड़ भूमि की रक्षा’ जैसे आख्यान बनाते हैं और हिंदू आस्था का दुरुपयोग करते हैं। एकमात्र चीज़ जिसकी वे रक्षा करते हैं वह है उनका अपना धन और राजनीति। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या पार्टी उनके बयान का समर्थन करती है।
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा है कि गोपालपुरम परिवार (करुणानिधि परिवार) का एकमात्र संकल्प राज्य के सकल घरेलू उत्पाद से अधिक संपत्ति अर्जित करना है। उदय स्टालिन उनके पिता और उनके विचारक के पास ईसाई मिशनरियों से खरीदा हुआ विचार है और उन मिशनरियों का विचार उनके जैसे मूर्खों के माध्यम से दुर्भावनापूर्ण विचारधारा को बढ़ावा देना था। तमिलनाडु अध्यात्म की भूमि है। सबसे अच्छा काम जो वे कर सकते हैं वह है इस तरह के कार्यक्रम में माइक पकड़ना और अपनी निराशा व्यक्त करना।