Ranchi: मद्य निषेध मंत्री बेबी देवी (baby devi) डुमरी से झारखंड विधानसभा की सदस्य बन गयीं। इंडिया गठबंधन की जेएमएम उम्मीदवार बेबी देवी को डुमरी विधानसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव में एक लाख के करीब वोट मिले जबकि एनडीए की आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी को लगभग 85 हजार वोटों से ही संतोष करना पड़ा। जीत का अंतर 17 हजार से अधिक का रहा।
बेबी देवी ने पति के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जगरनाथ महतो को 71128 वोट मिले थे। उन्हें सबसे ज्यादा वोट 2014 में 77984 मिले थे। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में आजसू को 36840 और भाजपा के उम्मीदवार को 36013 वोट मिले थे। वैसे यहां का मुकाबला काफी टक्कर का रहा। आजसू ने डुमरी विस सीट अपनी झोली में डालने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन नतीजे से पार्टी निराश हुई।
बेबी देवी की जीत में सबसे बड़ा फैक्टर इलाके के कद्दावर नेता रहे जगरनाथ महतो की लंबी बीमारी के बाद निधन हो जाना रहा। लगातार चार बार निर्विवाद रूप से विधायक और वर्तमान सरकार में मंत्री रहे जगरनाथ महतो को डुमरी की जनता ने इनके श्रद्धांजलि देने का काम किया। पूरे चुनावी प्रचार के दौरान बेबी देवी हाथ जोड़कर अपने पति के नाम पर वोट मांगती रहीं। जनता को उनके काम के बारे में बताती रहीं। पत्नी बेबी देवी और बेटे राजू ( अखिलेश) महतो ने हर वो इमोशनल कार्ड खेला, जिससे जीत सुनिश्चित की जा सके और हुआ कुछ ऐसा ही।
डुमरी विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम उम्मीदवारों का कुल वोट करीब 28 हजार के पास था, जिसमें एआईएमआईएम के उम्मीदवार अब्दुल मोमिन रिजवी को सबसे ज्यादा वोट करीब 24 हजार मिले थे। पिछली बार की तरह इस बार भी ओवैसी अपने उम्मीदवार का प्रचार करने डुमरी आए थे लेकिन उनके उम्मीदवार की करारी हार हुई। इस बार मुस्लिम वोटरों ने जेएमएम पर भरोसा जताया और खुलकर बेबी देवी के पक्ष में वोट किया।
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रांची जमीन घोटाले में ईडी के तीन-तीन समन और तमाम तरह की राजनीतिक परेशानियों के बीच हेमंत सोरेन ने डुमरी में जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी। उन्होंने चुनाव से पहले अपने आप को चुनावी मोड में डाला और सरकारी परिसंपत्तियों का खूब वितरण किया। साथ ही भाषणों में टाइगर के नाम से मशहूर जगरनाथ महतो की डुमरी के प्रति लगन और निष्ठा को जनता तक हमेशा पहुंचाने का काम किया। सरकार के सभी मंत्री समेत इंडिया गठबंधन के तमाम विधायक डुमरी में तैनात थे।
गिरिडीह सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और बेरमो विधायक कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने भी पूरे चुनाव प्रचार के दौरान डुमरी में ही कैंप कर जीत में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा। पूरे चुनाव प्रचार में बगोदर विधायक विनोद सिंह ने चुपचाप मतदाताओं के बीच अपनी भूमिका निभाई।
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल (2019 से अब तक) में डुमरी विधानसभा क्षेत्र का यह छठा उप चुनाव था। इससे पहले पांच उप चुनाव हो चुके हैं। इनमें चार दुमका, बेरमो, मधुपुर और मांडर उप चुनाव में यूपीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। दुमका से बसंत सोरेन, बेरमो से जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह, मधुपुर से हफिजुल हसन और मांडर से शिल्पी नेहा तिर्की ने जीत हासिल की थी। यूपीए से दो सीटों पर झामुमो के उम्मीदवार जीते थे जबकि दो सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत बरकरार रखी। रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र उप चुनाव से आजसू पार्टी की उम्मीदवार सुनीता देवी ने एनडीए का खाता खोला था।