PATNA :।CM Nitish kumar ने शुक्रवार को बोधगया के महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र के हॉल में पितृपक्ष मेला-2023 की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
समीक्षा के दौरान गया के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पितृपक्ष मेला-2023 की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन 28 सितम्बर से 14 अक्टूबर 2023 तक निर्धारित है। इस दौरान देश-विदेश से बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों के आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी की गई है।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार दिल्ली जाने के दौरान दूसरे राज्य की महिला मुझसे मिली और बोली कि आपके द्वारा राज्य में विकास के कई कार्य किए जा रहे हैं लेकिन पितृपक्ष मेले को लेकर और बेहतर तैयारी की जरूरत है। हम उसके बाद हर वर्ष पितृपक्ष मेले के आयोजन को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा करते हैं। पितृपक्ष मेले में देश के कोने-कोने एवं विदेशों से तीर्थ यात्री बड़ी संख्या में श्रद्धा भाव से अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने गया की मोक्ष भूमि पर आते हैं। पितृपक्ष मेले की महत्ता को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर सभी प्रकार की तैयारी रखें।
सीएम ने कहा कि श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा मिलनी चाहिए और उनके आवासन की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। घाट, मंदिर, वेदी, तालाब एवं पूरे शहर की साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था रखें। सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरतें। इस वर्ष राजगीर में आयोजित मलमास मेले में तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालु आए। हमें उम्मीद है कि गया में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। उन्होंने कहा कि बोधगया महाबोधि परिसर के पास स्थित मुचलिंद सरोवर को विकसित और सौंदर्यीकृत करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गया सिर्फ राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश और दुनिया के लिए ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल है। गया शहर को सभी लोग “गयाजी के नाम से संबोधित करते हैं। गया शहर को विभिन्न शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी दी गई है ताकि लोगों को यहां आने में सहूलियत हो। पटना जिले के पुनपुन में भी पिंडदानियों के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था रखें।
समीक्षा बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों ने भी पितृपक्ष मेला की तैयारियों को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए । मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने प्रतीक चिह्न भेंटकर स्वागत किया।