स्वदेश संवाददाता
कटकमसांडी (हजारीबाग) एसडीएम हजारीबाग के आदेश पर गए सरकारी अमीन व कटकमसांडी पुलिस को विरोधियों द्वारा जमीन मापी में खलल पहुंचाने की कोशिश की गई। इस दौरान आक्रोशित विरोधी पक्ष के महिला पुरूषो ने पुलिस प्रशासन से नोक झोंक कर जमीन मापी नही होने दी और अमीन को भी खदेड़ दिया। मौके पर अमीन प्रेम कुमार ने मामले की जानकारी अंचल अधिकारी को दी। मामला ढौठवा पंचायत के कोनहर गांव का है। मालुम हो कि मौजा कोनहर गांव के थाना नं. 06, हलका नं. 01, खाता नं. 04, प्लॉट नं. 37, 50, 107, 167, 264, 417, 443, 479, व 487 व रकबा तीन एकड़ तीस डिसमिल का खतियान सामिलात मालिक के नाम से था। हुकुमनामा के आधार पर प्राप्त जमीन की आनलाइन रसीद बद्री राणा के नाम से आजतक निर्गत है। प्रथम पक्ष जीवलाल सिंह भोक्ता, बलदेव सिंह भोक्ता, भुवनेश्वर सिंह भोक्ता, चिंतामन सिंह भोक्ता आदि ने उक्त खाते व प्लॉट के जमीन पर न्यायालय में टाइटल सूट किया गया, जिसमें द्वितीय पक्ष बद्री राणा की डिग्री हो गई। पुन: प्रथम पक्ष द्वारा हाई कोर्ट में केस दायर किया। मगर वहां भी द्वितीय पक्ष की जीत हुई। अंत में प्रथम पक्ष द्वारा डिस्ट्रिक्ट जज के पास अपील की गई। मगर यहां भी द्वितीय पक्ष की डिग्री हुई। इसके बाद एसडीओ हजारीबाग ने पुलिस प्रशासन के साथ कटकमसांडी सीओ को जमीन मापी का आदेश दिया। सीओ अनिल कुमार ने जमीन मापी के लिए सरकारी अमीन प्रेम कुमार को पुलिस प्रशासन के साथ कोनहर भेजा। जमीन की मापी पूरी की गई। मगर मापी के दौरान प्रथम पक्ष के जीवलाल सिंह भोक्ता के उकसावे पर गांव के ही आशीष सिंह भोक्ता, दयाल सिंह भोक्ता, दिनेश भुईयां, सुनिल भुईयां, कल्लू भुईयां, नागो भुईयां, अशोक भुईयां, टीको भुईयां, श्यामदेव भुईयां, मुखरी देवी आदि दर्जनों महिला पुरूषों ने मापी स्थल पर लाठी डंडा लेकर हंगामा करते हुए अमीन व स्थानीय पुलिस से उलझ पड़े और मापी की कार्रवाई को रोक दिया। अमीन को खदेड़ा। मामले को भांप कर पुलिस भी अपना कदम पीछे कर वापस चलते बने। साथ ही द्वितीय पक्ष के लोगों को भी खदेड़ कर भगाया गया और जमीन पर चढ़ने पर जान से मारने की धमकी दी गई। अमीन और पुलिस को वापस देख द्वितीय पक्ष के लोगो ने भी भाग खड़े हुए। इस संदर्भ में द्वितीय पक्ष द्वारा बताया गया कि जमीन हमारी पूर्वजों के है। बावजूद इसके, पुलिस प्रशासन के मौजूदगी में मापी नही होना अफसोस की बात है। इधर जमीन मापी कराने में खलल डालने वालों पर पुलिस प्रशासन द्वारा कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है।