New Delhi : केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा (Tribal Affairs Minister Arjun Munda) ने रविवार को बेंगलुरू में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) (आईसीएआर) के भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) का दौरा किया तथा यहां किसानों, विद्यार्थियों व वैज्ञानिकों के साथ संवाद किया। श्री मुंडा ने किसान सुविधा काउंटर का शुभारंभ किया। इस अवसर पर एमओयू भी किए गए।
श्री मुंडा ने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था में बागवानी का योगदान 33 प्रतिशत है जिसे और आगे बढ़ाया जा सकता है, जिसकी काफी संभावनाएं है। श्री मुंडा ने कहा कि हम न केवल घरेलू बाजार में बल्कि दुनिया के बाजारों में और बेहतर ढंग से अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। बागवानी क्षेत्र देश के आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण घटक माना जा रहा है।
यह क्षेत्र नए तरीके से अपनी आय बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। भारत में बागवानी उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2022-23 के दौरान 350 मिलियन टन हो गया है। श्री मुंडा ने वैज्ञानिकों को अधिक से अधिक किसानों को अपनी प्रयोगशालाओं में लाने और नवीनतम अनुसंधान तकनीकों को उनके साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। इससे किसानों को उत्पादकता, पैदावार व आय को टिकाऊ तरीके से बढ़ाने में मदद मिलेगी। श्री मुंडा ने कहा कि दलहन उत्पादन बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आह्वान पर हाल ही में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Minister Amit Shah) ने पोर्टल का शुभारंभ किया है, जिससे किसान बहुत लाभान्वित होंगे, इसी तरह से विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से काम करने व प्रौद्योगिकी के समर्थन की आवश्यकता है। सभी खाद्यान्न में हमारी आत्मनिर्भरता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड से प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान के माध्यम से आदिवासी समुदाय को मौलिक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उन्हें सुविधाएं प्रदान करने का काम किया जा रहा है। आईआईएचआर के निदेशक प्रो. संजय कुमार सिंह ने केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा व अन्य अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।