Hazaribagh। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, हजारीबाग ने राज्य के परिवहन मंत्री को ज्ञापन सौंप कर 15 वर्षों से लंबित यात्री किराया तय करने की मांग की है। क्षेत्रीय वाहन प्राधिकर सचिव संतोष कुमार गर्ग, उतरी छोटा नागपुर प्रमंडल के माध्यम से पत्र मंत्री को भेजा है। पत्र में बताया गया है की
राज्य भर में चलने वाली सवारी बसों में डीजल सहित कई अन्य विषयों को लेकर यात्रियों से लूट की जा रही है। इस लूट से बचाने के लिए झारखंड से पहल करने की मांग अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, हजारीबाग करती है। ज्ञात हो की पिछले 15 सालों में भी किराया तय नहीं कर सकी है। जबकि पड़ोसी राज्य बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़िसा प्रत्येक पांच साल में किराया तय कर रही है। अंतबिम बार इन तीनों राज्यों में 2018 सितंबर में किराया निर्धारित किया गया, जबकि 2019 में रघुवर सरकार ने इस दिशा में पहल तो कि परंतु सरकार जाते हीं यह ठंडे बस्ते में चला गया। राज्य में अंतिम बार 2008 में अर्जुन मुंडा की सरकार ने किराया निर्धारित किया था। उस समय में राज्य में डीजल का मूल्य प्रति लीटर 38 रुपए और पेट्रोल 55 रुपए था। और नन एसी बसों के लिए 45 पैसा तथा एसी बसों के लिए 60 पैसा प्रति किलोमीटर किराया तय किया गया था।
इसके बाद इन 15 सालों में किसी भी सरकार और जन प्रतिनिधियों ने यात्रियों को इस लूट से बचाने की पहल नहीं की। वर्तमान समय में राज्य में स्थिति कुछ इस प्रकार है कि बस मालिक और एजेंट खुद की इच्छा के अनुरुप किराया तय कर रहे है। जबकि राज्य सरकार जब भी भाड़ा तय करती है तो इनमें टायर, बीमा, मोबिल, स्टॉप का खर्च और टोल नाका आदि के खर्च जोड़ती है। 2019 में जब डीजल का मुल्य 76 रुपए था तो उस वक्त परिवहन विभाग द्वारा सभी खर्च जोड़ कर साधारण बस – 81 पैसा, एक्सप्रेस – नन एसी : 1.10 पैसा, एसी – टू बाई टू – 1.29 पैसा तथा वाल्वो – 1.89 पैसा तय की थी। 2023 में डीजल का मुल्य 100 रुपए है। ऐसे में रकार द्वारा किराया निर्धारित नहीं कर पाने के कारण कहीं कहीं दो से ढाई रुपए प्रति किलोमीटर है, तो कहीं एसी बसों में तीन से साढ़े तीन रुपए किराया लिया जा रहा है। सबसे अधिक मार ग्रामीण क्षेत्र के यात्रियों को को पड़ रही है, जिन्हें तीन से चार रुपए प्रति किलोमीटर तक नन एसी बसों में किराया वसूला जा रहा है।
मोटर अधिनियम 1988 राज्य सरकार को देती है किराया निर्धारित करने की शक्ति
मोटर अधिनियम 1988 की धारा 67(1) ए में राज्यों को सवारी वाहन, ठेका वाहन ( टैक्सी ) मालवाहक वाहनों के लिए किराया और माल भाड़े को नियत करने का अधिकार देती है। इसके तहत राज्य सरकार अधिकत्तम और न्यूनत्तम किराया निर्धारित कर सकती है।
2018 सितंबर में बिहार ने तय किया है किराया
साधारण बस – थ्री बाई टू – 90 पैसा प्रति किमी
एक्सप्रेस बस – 95 पैसा
सेमी डिलक्स – टू बाई टू – 1.14 पैसा
डीलक्स – लक्जरी – 1. 36 पैसा
वातानुकुलित बस – 1.50 पैसा
वोल्वो – 2 रुपए
उड़ीसा
सामान्य बस – 67 पैसा
एक्सप्रेस – 70 पैसा
डीलक्स – टू बाई टू – 95 पैसा
एसी – 1.17 रुपए
छतीसगढ़
सामान्य बस – प्रति पांच किलोमीटर – 6 रुपए
डीलक्स बस – प्रति पांच किलोमीटर छह रुपए , प्रति किलाेमीटर 1.5 रुपए अतिरिक्त
वोल्वो – प्रति पांच किलोमीटर – 7 रुपए, अतिरिक्त 2.20 रुपए प्रति किलोमीटर तय किया गया है। ज्ञापन सौंपने वालों में अरविन्द राणा
प्रांत सह मंत्री
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, संतोष कुमार यादव, अधिवक्ता संजय रविदास, रविकांत पाण्डेय, संतोष कुमार सहित अन्य थे।