भागलपुर। धर्म की दीवारें जब इंसानियत और भाईचारे के सामने झुक जाती हैं, तो ऐसे दृश्य उभरते हैं जो भारत देश की मिट्टी को और भी महान बना देते हैं। बिहार में भागलपुर जिले के घोघा क्षेत्र के पक्कीसराय बाजीरौज़ा, आमापुर गांव में एक ऐसा ही दृश्य देखने को मिलता है। जहां एक हिंदू महिला गिरिजा देवी पिछले कई वर्षों से वज़ीर बाबा पीर बाबा की दरगाह की सेवा कर रही हैं।
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गिरिजा देवी इस मजार की देखभाल सिर्फ आज नहीं कर रहीं, बल्कि उनके पूर्वज भी इस दरगाह की सेवा करते आए हैं। उनका मानना है कि इस स्थान पर सच्चे दिल से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है ।यही कारण है कि न सिर्फ भागलपुर, बल्कि देश के कोने कोने से लोग इस दरगाह पर चादरपोशी के लिए आते हैं। खास बात यह है कि गिरिजा देवी खुद पूजा-पाठ के साथ-साथ नमाज़ भी अदा करती हैं। हर शुक्रवार को लगने वाले मेले की व्यवस्था भी संभालती हैं।
यह दरगाह धर्म नहीं, इंसानियत की बात करती है। गिरिजा देवी का संदेश भी उतना ही प्रेरक है। अगर हम एक हिंदू होकर इस दरगाह की सेवा कर सकते हैं, तो क्यों न मुस्लिम भाई भी मंदिरों की सेवा कर एकता की नई मिसाल कायम करें। जब हम मिलकर रहेंगे, तभी हिंदुस्तान आगे बढ़ेगा ।यह कहानी सिर्फ एक मजार की नहीं, भारत की उस आत्मा की है जो विविधताओं में एकता की सांस लेती है।