NEW DELHI : विपक्ष के एपल आईफोन हैकिंग के दावों को केंद्र सरकार ने मंगलवार को सिरे से खारिज करते हुए झूठा करार दिया है। साथ ही विपक्ष के आरोपों पर कहा कि हमारे कुछ आलोचक हमेशा झूठा आरोप लगाते रहते हैं, ये देश की प्रगति नहीं चाहते। एप्पल ने 150 देशों में एडवाइजरी जारी की है। एप्पल ने अनुमान के आधार पर मैसेज भेजा है।
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, शशि थरूर, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा और आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा समेत विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें एप्पल से एक चेतावनी मिली है। इसी के साथ विपक्षी नेताओं ने सरकार पर जासूसी के आरोप लगाये। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जब भी अडानी से जुड़ा मामला उठाया जाता है तो एजेंसियों को जासूसी में लगा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की आत्मा अडानी में है, तोता कहीं बैठा है, राजा कहीं और बैठा हुआ है। हकीकत यह है कि सत्ता अडानी जी के हाथ में है।
इधर, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विन वैष्णव ने कहा कि आरोपों की जांच के लिए आदेश दिये गये हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ साथियों ने एप्पल अलर्ट के बारे में संदेश दिये हैं, ऐसे में हम मामले की तह तक जायेंगे। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों आदत है कि जब भी कोई अहम मुद्दा नहीं होता तो कहते हैं कि निगरानी हुई है। इन्होंने ये आरोप कुछ साल पहले भी लगाने की कोशिश की थी। इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई, लेकिन कुछ नहीं निकला। प्रियंका गांधी ने भी दावा किया था कि उनके दो बच्चों का फोन हैक हुआ था, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
वहीं, हैकिंग के दावों पर एप्पल ने कहा कि इस बारे में जानकारी नहीं दे सकते कि किस वजह से खतरे की चेतावनी दी जाती है, क्योंकि इससे राज्य प्रायोजित हमलावरों को बचने में मदद मिल सकती है। खतरे की चेतावनी के लिए किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। कंपनी ने कहा कि हमलावर आर्थिक व तकनीकी रूप से प्रभावशाली हैं, अकसर हमलों का पूर्ण तरीके से पता नहीं लग पाता है।
क्या था मैसेज में?
एप्पल द्वारा भेजे गये मैसेज में कहा गया है कि ‘सरकार प्रायोजित हमलावर कहीं दूर से उनके आईफोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं. ये हमलावर संभवत: आप कौन हैं या आप क्या करते हैं, इसके कारण आपको व्यक्तिगत रूप से निशाना बना रहे हैं।