भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने शिक्षक दिवस, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर 75 सबसे प्रतिभाशाली शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2023 से सम्मानित किया था। देश भर के शीर्ष 75 उत्कृष्ट शिक्षकों में से एक के रूप में पहचाने जाने वाले एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय मध्यप्रदेश के डॉ. यशपाल सिंह का चयन एक कठोर, पारदर्शी तीन-चरणीय ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से किया गया था। केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को शास्त्री भवन, नई दिल्ली स्थित अपने कार्यालय में प्राचार्य डॉ. यशपाल सिंह का स्वागत करते हुए उन्हें बधाई दी। मौके पर अर्जुन मंडा ने कहा कि ईएमआरएस के शिक्षक को लगातार चौथी बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होता देखना जनजातीय कार्य मंत्रालय के लिये गौरवशाली पल है। उन्होंने जो अनुकरणीय काम किया है, वह उत्कृष्टता के मार्ग पर अग्रसर होने में अन्य स्कूली शिक्षकों और विद्याथियों को प्रेरित करेगा। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश में शिक्षकों के अनूठे योगदान का जश्न मनाना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और उद्योग के माध्यम से न केवल स्कूली शिक्षा के स्तर को बढ़ाया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है।
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प्राचार्य डॉ. यशपाल सिंह ने विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त किया। डॉ. यशपाल सिंह ने ईएमआरएस भोपाल का दर्जा बढ़ाने और स्कूल का नाम नई ऊंचाइयों पर ले जाने में उल्लेखनीय योगदान देकर पेशे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और परिश्रम का प्रदर्शन किया है। उनके विशिष्ट योगदानों में स्कूल की बुनियादी ढांचे की उन्नति, ईएमआरएस छात्रों के लिए स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना, वृक्षारोपण और टिकाऊ पर्यावरण प्रथाओं की शुरुआत, आनंददायक शिक्षण-झुकाव रणनीतियों का कार्यान्वयन शामिल है।
यह पुरस्कार वास्तव में जनजातीय कार्य मंत्रालय के जनजातीय स्कूलों और छात्रों को मुख्यधारा में एकीकरण की सुविधा प्रदान करने के समर्पित प्रयासों को दर्शाता है, जिससे एक उज्जवल, सफल भविष्य सुनिश्चित होता है। है। यह पुरस्कार ईएमआरएस के सभी शिक्षकों और प्रधानाचार्यों का मान-सम्मान बढ़ाता है, जो जनजातीय छात्रों के लिये बेहतर शिक्षा के मानकों को बढ़ाने के लिये लगातार परिश्रम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि दूर-दराज के क्षेत्रों में जनजातीय बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिये ईएमआरएस को 1997-98 में शुरू किया गया था, ताकि इन छात्रों को उच्च व व्यावसायिक शिक्षा के अवसर तथा विभिन्न सेक्टरों में उन्हें रोजगार मिल सके।