रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामले को लेकर आज सैन्य अधिकारियों के साथ बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वजह से जिस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं, उसमें सेना राज्य सरकार को सहयोग करे। उन्होंने कहा कि झारखंड मे सेना के जो अस्पताल हैं, वहां सामान्य मरीजों का भी इलाज हो सके, इस दिशा मे पहल हो। सेना और जनभागीदारी से ही कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित कर सकते हैं।
जिलों का सर्किट बनाने की हो रही पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मे रांची, जमशेदपुर, धनबाद समेत छह जिले कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इसके साथ रांची में सबसे ज्यादा कोविड-19 के मरीज हर दिन मिल रहे हैं और दूसरे जिलों से भी इलाज के लिए बड़ी संख्या मे संक्रमित रांची पहुंच रहे हैं। इस वजह से रांची में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है, लेकिन अस्पतालों की क्षमता उस हिसाब से नहीं है। ऐसे में मरीजों के इलाज में दिक्कतें भी आ रही है। ऐसे में सरकार इन जिलों का सर्किट बनाकर वहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार कर रही है, ताकि वहां के मरीजों का वहीं बेहतर इलाज हो सके। मुख्यमंत्री ने सेना के अधिकारियों से कहा कि इसमें अगर सेना अपना सहयोग करती है तो मरीजों का विश्वास बढ़ेगा और रांची जैसे जिलों में मरीजों के आने की संख्या भी कम होगी।
सैन्य अस्पतालों में चिकित्सीय संसाधन उपलब्ध कराएगी सरकार
मुख्यमंत्री ने सेना के अधिकारियों से कहा कि सेना का रांची के नामकुम और रामगढ़ में जो अस्पताल हैं, वहां अगर सामान्य कोविड मरीजों के इलाज की अनुमति केंद्र सरकार से मिलती है तो राज्य सरकार वहां ऑक्सीजन युक्त बेड़ बढ़ाने, वेंटीलेटर की सुविधा समेत अन्य सभी चिकित्सीय जरूरत के संसाधनों को उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि सेना के अस्पतालों में अनुभवी चिकित्सक और पारा मेडिकल कर्मी और अन्य मानव बल उपलब्ध हैं। इनका सहयोग मिलने से निश्चित तौर पर कोरोना मरीजों का बेहतर इलाज हो सकेगा।
आइसोलेशन सेंटर बनाने की हो रही तैयारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हजार बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाने की भी तैयारी सरकार कर रही है। यहां आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमितों का देखभाल बेहतर तरीके से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसमें भी सेना से सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर सभी अस्पतालों का शत प्रतिशत क्षमता का इस्तेमाल हो तो मरीजों को बेड के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
रक्षा मंत्रालय गंभीरता से कर रहा विचार
सेना के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके द्वारा प्रधानमंत्री को जो पत्र प्रेषित किया गया है, उसपर केंद्रीय रक्षा मंत्रालय काफी गंभीरता से विचार कर रहा है। सेना के अस्पतालों और मानव बल का कोरोना संक्रमण और मरीजों के इलाज में सहयोग लेने के सिलसिले में मंत्रालय द्वारा जो निर्देश मिलेगा, उसी के हिसाब से वे आगे की कार्रवाई करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में सेना के दो अस्पताल झारखंड में है। इसमें एक रांची जिला के नामकुम और दूसरा रामगढ़ में है। रांची के सैन्य अस्पताल में कुल बेड़ों की संख्या लगभग चार सौ है। इसमें से दो सौ बेड कोविड मरीजों के लिए है. यहां अठारह ऑक्सीजन युक्त बेड हैं और तीस बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध कराने की पहल शुरू हो गई है। वहीं, रामगढ़ में 120 बेड का अस्पताल है. इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर सेना अपने सैन्य अस्पताल में कुछ बेड सामान्य मरीजों के लिए उपलब्ध कराए। सरकार की ओर से सभी बेडों पर ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई जाएगी।
बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, नगर विकास और आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ अभिताभ कौशल के अलावा सेना से ब्रिगेडियर संजय कटियार (स्टेशन कमांडर, रांची), ब्रिगेडियर रजत शुक्ला (कमांडेंट, मिलिट्री हॉस्पिटल, नामकुम, रांची) और कर्नल के विवेक शामिल थे।
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