रांची: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने शराब घोटाला मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया। इसके विरोध में मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन सहित पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी सवाल उठाया है। साथ ही इसे तानाशाही रवैया बताया है।
चम्पाई सोरेन ने शुक्रवार सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि राजनीतिक दलों को तोड़ने, विधायकों को डराने-धमकाने व लालच देकर सरकारें गिराने, मीडिया पर कब्जे तथा कंपनियों से वसूली के बाद अब विपक्ष के मुख्यमंत्रियों की गिरफ्तारी आम बात हो गई है। जरा सोचिए कि एक मेयर का चुनाव जीतने के लिए सारे नियमों को ताक पर रखने वाले ये लोग लोकसभा का चुनाव जीतने के लिए किस हद तक जायेंगे? आजादी के सात दशकों बाद यह देश लोकतंत्र से चलेगा या तानाशाही से यह फैसला आपको करना है।
चम्पाई ने कांग्रेस के बैंक अकाउंट को फ्रिज करने पर भी सवाल किया है। उन्होंने कहा है कि इनकम टैक्स द्वारा चुनावों के ठीक पहले कांग्रेस के बैंक अकाउंट को फ्रीज करना वास्तव में भारत के लोकतंत्र को फ्रीज करने की कोशिश है। सारी एजेंसियों को लगाने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध ठहराए गये चुनावी बॉन्ड में हजारों करोड़ लेने के बाद यह स्टेप भाजपा के डर को दर्शाता है। चम्पाई ने सवाल करते हुए कहा है कि चुनावों की घोषणा के बाद क्या आप विपक्षी दलों को चुनाव लड़ने से रोकना चाहते हैं? इन चुनावों में लोकतंत्र के इन विरोधियों को जनता द्वारा करारा जवाब मिलेगा।
हेमंत सोरेन के एक्स पर उनकी ओर से उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने पोस्ट किया है। उन्होंने कहा है कि शासन का मतलब तानाशाही हो गया है। देश का हर एक कोना इनके जुल्म की गवाही हो गया है। इन्हें लगता है कि करोड़ों लोगों का नेतृत्व कर रहे जन नेताओं को गिरफ्तार कर ये फिर से गद्दी पर बैठ जाएंगे। देश की स्वाभिमानी-निडर जनता इनके भ्रम और अहंकार का मुंहतोड़ जवाब देगी। इंडिया झुकेगा नहीं।