Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कहा कि विधानसभा राज्य का सर्वोच्च पंचायत है। ये महापंचायत मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे से भी ऊपर है। यहां पर न सिर्फ राज्य के आम लोग, बल्कि झारखंड के जल, जंगल, जमीन और जीव जंतुओं के लिए भी नीतियां बनती हैं। हजारों-लाखों लोग काफी उम्मीद के साथ अपना एक प्रतिनिधि यहां भेजते हैं, जो प्रतिनिधि विधानसभा में पहुंचते हैं, वे उन लोगों की आवाज बनते हैं, जिनके साथ में कभी रहे नहीं और जिससे कभी मिले नहीं। हमें हर हाल में इस महापंचायत को टूटने, ढहने और नुकसान पहुंचने से बचना होगा।
मुख्यमंत्री विधानसभा के 23वें स्थापना दिवस पर बुधवार को समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां से नीतियां बनती हैं। विधेयक पारित किए जाते हैं। यहां आम जनता के अलावा राज्य के जीव जंतुओं के लिए भी विचार विमर्श होता है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि विधानसभा, लोकसभा और राज्य सभाओं का महत्व क्या है। उन्होंने कहा कि जो भी यहां पहुंचते हैं, उन्हें हजारों-लाखों लोग मिलकर अपना एक प्रतिनिधित्व के तौर पर यहां भेजते हैं। यहां पहुंचने वाले से काफी आशा और उम्मीद होती है। यहां पहुंचने वाला सबकी आवाज को सदन में रखता है।
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उन्होंने कहा कि महापंचायत में पंचायती हो इसके लिए सत्ता और विपक्ष होता है। दोनों को मिलकर हर हाल में लोकतंत्र के इस महापंचायत को टूटने से और नुकसान पहुंचाने से बचाना होगा। भारत देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इस लोकतंत्र का दुनिया भर में लोहा माना जाता है। लोकतंत्र की असल परिभाषा विधायक के कामकाज से ही निकलता है। इसलिए हमें बेहद गंभीरता के साथ ऐसे संस्थाओं को चलाना होगा।