अयोध्या। उत्तर प्रदेश के समेकित विकास का खाका खींच रही डबल इंजन की सरकार ने वो कर दिखाया है, जो अब तक असंभव सा लग रहा था। पीएम नरेन्द्र मोदी और विजन और सीएम योगी आदित्यनाथ के क्रियान्वयन ने अयोध्या को वैश्विक पटल पर ला दिया है। आज अयोध्या आध्यात्मिक चेतना जागृति के साथ विकास तथा विरासत संरक्षण के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है।
उल्लेखनीय है प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार, अयोध्या को विजन 2047 के तहत वर्ष 2047 तक आध्यात्मिक राजधानी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इस क्रम में, अयोध्या के वर्तमान स्वरूप-संरक्षण के साथ ही नए निर्माण कार्यों के जरिए अयोध्या के पुरातन वैभव व गौरव को पुनर्स्थापित करने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। इसी का परिणाम है कि फिलहाल अयोध्या के नव्य-भव्य स्वरूप को मूर्त रूप देने के लिए 4115.56 करोड़ रुपये की कुल लागत से 50 मेगा प्रोजेक्ट्स को पूर्ण कर लिया गया है।
पीएम मोदी के 30 दिसंबर को प्रस्तावित दौरे में इन्हीं परियोजनाओं से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया जाएगा। हालांकि, कई मेगा प्रोजेक्ट्स तीन फेज में निर्माणाधीन है, जिसमें से फेज-1 का कार्य पूरा कर लिया गया है, जबकि फेज-2 व फेज-3 का कार्य नए वर्ष में जोर पकड़ेगा। फिलहाल, पिछले 5 वर्षों से अयोध्या के सर्वांगीण विकास के प्रति सीएम योगी की प्रतिबद्धता नयाघाट स्थित लता मंगेशकर चौक के तौर पर पहले ही जनता के सामने है, वहीं अयोध्या धाम स्टेशन के फेज-1 की विकास प्रक्रिया समेत कुल 50 मेगा प्रोजेक्ट्स हैं जो बनकर तैयार हैं और अयोध्या में विकास के बदलाव का साक्ष्य दे रही है।
राज्य चिकित्सा महाविद्यालय से लेकर पंचकोसी परिक्रमा मार्ग बयां कर रहे विकास गाथा
पीएम मोदी के विजन व सीएम योगी के क्रियान्वयन का परिणाम उत्तर प्रदेश की हृदयस्थली अयोध्या में प्रत्यक्ष तौर पर देखने को मिल रहा है। 1462.97 करोड़ रुपये की लागत से बने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा व 241 करोड़ रुपये से अयोध्या धाम स्टेशन फेज-1 का विकास कार्य उन प्रमुख परियोजनाओं में शुमार है, जिनका लोकार्पण पीएम मोदी द्वारा 30 दिसंबर को अयोध्या दौरे के प्रस्तावित कार्यक्रम के दौरान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सआदतगंज से नयाघाट तक स्पाइन रोड का 844.93 करोड़ रुपये की लागत से राम पथ के तौर पर विकास किया गया है। इसी प्रकार, राजर्षि दशरथ स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण कार्य को 245.64 करोड़, शिरोपरि लाइनों को भूमिगत किए जाने के लिए 167 करोड़, नयाघाट पर लता मंगेशकर चौक के विकास के लिए 75.26 करोड़, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग स्थित बड़ी बुआ रेलवे क्रॉसिंग पर रेल ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए 74.24 करोड़ तथा भक्ति पथ के निर्माण को 68.04 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण किया गया है। इन सभी प्रमुख परियोजनाओं के विकास ने अयोध्या में नागरिक व सामुदायिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
धर्म पथ, राम की पैड़ी समेत तमाम परियोजनाओं के जरिए सुनिश्चित हुआ समग्र विकास
अयोध्या में केंद्र व राज्य सरकार ने विकास की परियोजनाओं की पूर्ति पर कितना फोकस किया है, यह शहर के मौजूदा स्वरूप को देखकर साफ तौर पर समझा जा सकता है। बात चाहे एनएच-27 से नयाघाट पुराने पुल तक 65.40 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किए गए धर्म पथ की हो, 56.03 करोड़ रुपये की लागत से राम की पैड़ी के मुख्य चैनल की रीमॉडलिंग पुनरीक्षण परियोजना हो या फिर त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत 47.86 करोड़ रुपये की लागत से सड़क व नालियों का नव-निर्माण हो, अयोध्या में विकास की परियोजनाएं शहर के कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
पर्यटन सुविधाओं के विकास के साथ ही पुरातन विरासत संरक्षण को भी मिला प्रश्रय
अयोध्या में एनएच-27 बाईपास महोबरा बाजार होते हुए टेढ़ी बाजार राम जन्मभूमि तक 44.98 करोड़ की लागत से फोरलेन मार्ग का निर्माण भी पूर्ण हो गया है। इसके अतिरिक्त, 42.75 करोड़ रुपये की लागत से व्यावसायिक संकुल का निर्माण, गुप्तार घाट से जमथरा घाट तक 39.63 करोड़ रुपये से 1.150 किमी तक तटबंध निर्माण, 37.10 करोड़ रुपये की लागत से गुप्तार घाट के विकास, राम की पैड़ी पर 24.81 करोड़ रुपये की लागत से पंप हाउस का रीकंस्ट्रक्शन, 37.08 करोड़ रुपये की लागत से लक्ष्मण कुंज स्मार्ट वाहन पार्किंग, 14.87 करोड़ रुपये की लागत से सूर्य कुंड में जन सुविधाओं के विकास कार्य पर शहर में पर्यटन सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए तमाम सहूलियतों का विकास किया गया है।
इसके अतिरिक्त, स्वर्णखनी कुंड में पर्यटन विकास, म्यूरल आर्ट पेंटिंग कार्य, हनुमान कुंड में पर्यटन विकास, गणेशकुंड पर पर्यटन विकास, यात्री निवास के उच्चीकरण, राम कथा पार्क का विस्तारीकरण, हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, कनक भवन, जानकी मंदिर आदि स्थानों पर फसाड लाइट लगाने व मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत करोड़ों खर्च कर विभिन्न परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है।